जैविक कृषि सुरक्षा

भारत में पाई जाने वाली मिट्टी, उनके क्षेत्र और उनमें होने वाली फसलें

दुनिया की ज्यादातर फसलें, फल और सब्जियां मिट्टी में होती हैं। लेकिन हर तरह की मिट्टी की एक खासियत होती है और उसमें उसके अनुरुप वाली ही फसलें उगती हैं। आज हम आपको बताते हैं, आप को कौन सी मिट्टी में कौन सी फसल लेनी चाहिए
हमारे देश में एक कहावत है - मिट्टी का तन है मिट्टी में मिल जाएगा। इस बात से हमारी ज़िंदगी में मिट्टी की क्या उपयोगिता है ये समझ आ जाता है। कैल्शियम, सोडियम, एल्युमिनियम, मैग्नीशियम, आयरन, क्ले और मिनरल ऑक्साइड के अवयवों से मिलकर बनी मिट्टी वातावरण को संशोधित भी करती है।

ऊसर भूमि को सुधार कैसे करें

ऊसर सुधार का कार्य मई के अंतिम अथवा जून के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ करना चाहिए। सर्वप्रथम खेत की जुताई करके उसकी मेड़बन्दी कर लें। इसके उपरान्त जिप्सम की आवश्यक मात्रा को खेत में समान रूप से बिखेर कर लगभग 10 सेमी० गहराई तक मिट्टी में मिला दें। जिप्सम मिलाने के तुरन्त बाद खेत में पानी भर दें जो लगभग दो सप्ताह तक भरा रहना चाहिए। ध्यान रहे कि खेत में लगभग 10-15 सेमी० ऊंचाई में पानी अवश्य भरा रहे। ऐसा करने से यह ऊसर भूमि को घुलनशील लवण तथा सोडियम निचली सतहों में निक्षालित हो जाते हैं। जिसे मृदा अम्ल अनुपात एवं पी०एच० कम हो जाता है।

किसान ऑन लाइनआवेदन कर कृषि यंत्रों पर पाएं 40 से 50 प्रतिशत तक की छूट

पिछले वर्षों तक किसानों को फार्म आदि जमा कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, जो अब नहीं काटने पड़ेंगे पड़ेंगे। ऑनलाइन आवेदन करने से योजना में पारदर्शिता भी आएगी। किसान अपने आसपास किसी भी जनसेवा केंद्र (सीएससी) पर कृषि यंत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।

भारतीय कृषि - समस्या और समाधान

"भारत एक कृषि प्रधान देश है "  अक्सर कृषि लेखों (Essays on Agriculture) की शुरुआत इसी वाक्य से होती है. ग्रंथों में कहा गया है  "अन्नम वै प्राणिनां प्राणः "( अन्न प्राणियों का जीवन है अर्थात प्राण है।  प्राण ही जीवन एवं जीवन ही प्राण होता है।  प्राण नहीं तो जीवन नहीं। ) और हमसब इस तथ्य से भली भांति परिचित हैं। अन्न को उगाने की कला का नाम ही कृषि है. कृषि एक विज्ञान है जिसमे फसल को उगाने से लेकर उसके बाज़ारीकरण तक का सूक्ष्म ज्ञान निहित है.

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