जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए सटीक विकल्प है

जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए सटीक विकल्प है

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या आज  सुरसा राक्षसी का रूप लेकर सम्पूर्ण विश्व पर हावी है आज विश्व का प्रत्येक देश इस समस्या का समाधान ढूढ़ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दुनिया ने जिस तरह कृत्रिम विकास किया, वैसे ही समस्या से निपटने के कृत्रिम उपाय ढूंढे जा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने भारतीय जीवनशैली की ओर लौटना ही अंतिम विकल्प है।

ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के तरीकों पर विचार के लिए 'ग्लोबल वार्मिंग एंड क्लाइमेट चेंज" विषयक हुई संगोष्ठी में किसानों की आत्महत्या पर चिंता सामने आई। ऐसी अकाल मौतें रोकने सही रणनीति की जरूरत महसूस की गई।

दो दिन से यहां जारी संगोष्ठी के रविवार को हुए समापन सत्र में स्वराज ने कहा कि 18वीं सदी से जलवायु परिवर्तन की समस्या प्रकृति पर मनुष्य के हमले से उपजी है, यह कुछ विकसित देशों की देन है, अब यह सबसे समाधान चाहते हैं। इसका उपाय भारतीय जीवनशैली में निहित है, इसे सभी देशों को अपनाना होगा। गांधी भारतीय जीवनशैली का जीवंत उदाहरण थे। स्वराज ने कहा कि हमने ऐसे 122 देशों की सूची बनाई है, जो सौर ऊर्जा के उपयोग के प्रति सकारात्मक हैं, इनसे चर्चा कर उपाय शुरू किए जाएंगे।

डंडे व दादागीरी से नहीं करा सकते जैविक खेती

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उपभोगवाद से प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ा है और पर्यावरण ही उत्पादन की भेंट चढ़ रहा है। इसका विकल्प संयम व सादी जीवनशैली है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर बढ़ाने, कुटीर उद्योग समेत कई उपाय जारी हैं। जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए सटीक विकल्प है, लेकिन किसानों को इस मामले में भरोसे में लेना होगा, क्योंकि लोकतंत्र में डंडे और दादागीरी से जैविक खेती नहीं करा सकते।
उन्होंने कहा निवेश लाने का दबाव है, लेकिन 12 हजार करोड़ के निवेश से यहां महज 200 लोगों को रोजगार मिलता है व पर्यावरण बिगड़ता है। इससे हमारी आंखे खुली हैं। कुटीर उत्पादों में फिनिशिंग नहीं है, लेकिन जिंदगी की फिनिशिंग खत्म होने से बेहतर तो यही है।
चौहान ने कहा कि उन्होंने कभी आदिवसी को आत्महत्या करते नहीं सुना, इसकी वजह उनकी जीवनशैली है। जापान में 30 हजार किसान आत्महत्या करते हैं। उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान विचारमंथन में कृषि कुंभ होगा, देश-विदेश के लोगों से सरकार सुझाव लेगी। इस दौरान स्वच्छता, कुटीर उद्योग, बेटी बचाओ पर भी मंथन होगा।
इससे पहले संगोष्ठी के सूत्रधार सांसद अनिल दवे जी  ने मंच से मुख्यमंत्री जी  से अनुरोध किया था कि सरकार ऐसे कदम उठाए कि किसानों को आत्महत्या न करना पड़े। उज्जैन कुंभ में किसानों की व्यथा को ऐसा आकर दें कि उनकी समस्या समाप्त हों। विधानसभा अध्‍यक्ष सीतासरन शर्मा ने ग्लोबल वार्मिंग समस्या का समाधान सांस्कृतिक पुनर्जागरण को बताया।