नोटबंदी का बुआई पर नहीं पड़ा असर, किसानों को ढाल बना 'उल्लू सीधा' करने वालों की खुली पोल

नोटबंदी का बुआई पर नहीं पड़ा असर, किसानों को ढाल बना 'उल्लू सीधा' करने वालों की  खुली पोल

500 और 1000 के नोटों के चलन से बाहर होने से भले ही पूरे देश में कैश की किल्लत हो गई हो, लेकिन इस इसका असर रबी फसलों की बुआई पर नहीं पड़ा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 18  नवंबर को समाप्त सप्ताह में पिछले साल के मुकाबले दलहन, तिलहन और गेंहू तीनों फसलों की बुआई में इजाफा हुआ है, सिर्फ  मोटे अनाजों और धान की फसल में कमी देखी गई है। 
मालूम हो, रबी सीजन में धान प्रमुख फसल नहीं होती। आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद पैदा हुए नकदी के संकट के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि इससे फसलों की बुआई पर असर पड़ सकता है। इसका कारण किसानों के पास नकदी की कमी को बताया जा रहा था। 
हालांकि, रबी सीजन में आने वाले साप्ताहिक आंकड़ों ने इन आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। रबी की सभी प्रमुख फसलों की बुआई में पिछले साल के मुकाबले इस साल बढ़ोतरी देखी गई है। 
कुल बुआई जरूर पिछले साल के 243.38  लाख हेक्टेयर के मुकाबले मामूली कम होकर 241.73 लाख हेक्टेयर रह गई है। हालांकि, यह कमी मोटे अनाजों खासकर बाजरे की बुआई में कमी के चलते नजर आ रही है। 

बुआई आंकड़े
फसल------------नवंबर 16------------नवंबर-15

गेंहू---------------79.40------------78 .83
दलहन------------74.55------------69.98
तिलहन-----------56.16------------48.74
मोटे अनाज--------25.98------------37.86
  *लाख हेक्टेयर

- कुछ लोग रबी की बुआई पर असर पडऩे की बात कर किसानों को ढाल बनाकर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। लेकिन बुआई के आंकड़ों ने ऐसे लोगों की पोल खोल दी है।
राधामोहन सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री