पूर्ण कर्जमाफी समेत कई मांगों को लेकर करीब 30 हजार किसान पैदल मार्च

पूर्ण कर्जमाफी समेत कई मांगों को लेकर करीब 30 हजार किसान पैदल मार्च

पूर्ण कर्जमाफी समेत कई मांगों को लेकर करीब 30 हजार किसान पैदल मार्च करते हुए सोमवार को नासिक से मुंबई पहुंचे। इस मोर्चे (लॉन्ग मार्च) की अगुआई सीपीएम का किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा कर रही है। किसानों के प्रतिनिधि मंडल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के बीच मुलाकात जारी है। अगर ये मीटिंग नाकाम रहती है तो किसान विधानसभा का घेराव करेंगे। किसानों के समर्थन में सत्तारूढ़ शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आ गई है। देर रात किसानों से मिलने पहुंचे राज ठाकरे ने कहा, "उन्हें को जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं हाजिर हो जाऊंगा।" कांग्रेस ने पहले ही इस मोर्चे को समर्थन दे दिया है।

राहुल बोले- ये देशभर के किसानों का मामला

- राहुल ने कहा, "ये मामला केवल महाराष्ट्र के किसानों का नहीं है बल्कि पूरे देश के किसानों का है।"

एहतियातन उठाए गए कदम

- किसान मोर्चे के कारण सोमवार को सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर बड़े वाहनों को बैन कर दिया गया है।

- छोटे वाहनों के लिए एक तरफ का रास्ता (वन वे) चालू रहेगा, लेकिन 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही वाहन चलाने की परमिशन है।

- किसानों के रुख को देखते हुए विधानसभा के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल रविवार देर रात से ही तैनात किया गया है। वहीं क्विक रिस्पांस टीम और फायर ब्रिगेड को भी अलर्ट किया गया है।

- आजाद मैदान में जुटे किसानों के लिए बीएमसी ने व्यवस्थाएं की हैं। यहां अस्थाई रूप से 40 से ज्यादा मोबाइल टॉयलेट लगाए गए। पीने के पानी का भी इंतजाम किया गया है।

कई पार्टियों ने किसानों का समर्थन किया

- राज ठाकरे ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी हमला बोला। ठाकरे ने इस दौरान सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी के शाह के वादे का क्या हुआ।

- इससे पहले रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने किसानों से मुलाकात के दौरान उन्हें कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा, ''हम कर्ज माफी नहीं चाहते। माफी किसी मामले के दोषी को दी जाती है। हम दोषी नहीं हैं। हम कर्ज से मुक्ति चाहते हैं।"

- वहीं फड़णवीस सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने आनंद नगर में किसानों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की।

- महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी किसानों का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने ट्वीट कर किसानों की फोटो शेयर की और उन्हें कांग्रेस पार्टी के समर्थन की बात कही। उन्होंने लिखा, ''सरकार के खिलाफ किसानों के इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है। मुख्यमंत्री को किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।''

सरकार ने बनाई कमेटी
- किसानों के रुख को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी एक्शन में आ गई है। किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है, जिसमें छह मंत्री शामिल हैं। इन मंत्रियों के नाम हैं- चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुंडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे।

- रविवार को महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने किसानों से जाकर मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों के साथ हैं। किसानों की 90% मांगें पूरी की जाएंगी। सोमवार को विधि मंडल में सभी मुद्दों को उठाया जाएगा। सरकार किसानों के साथ है।

कई किसानों की तबियत हुई खराब
- किसानों की यह रैली 6 मार्च को नासिक से शुरू हुई। रात वासिंद में रुकी और शनिवार को ये लोग ठाणे पहुंचे। 
- किसान हर दिन 30 किलोमीटर चलते हुए तकरीबन 180 किलोमीटर का सफर पूरा कर सोमवार तड़के मुंबई के आजाद मैदान पहुंचे।
- शनिवार को यात्रा में शामिल 5 किसानों की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद किसानों को छुट्टी दे दी गई है। इन किसानों को पानी की कमी और कम ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था।

क्या है किसानों की मांगें?

- किसानों के नेता और एआईकेएस सचिव राजू देसले के मुताबिक, "किसानों ने पूरे कर्ज और बिजली बिल माफी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग रखी है। बीजेपी सरकार ने किसानों से किए गए वादों को पूरा न करके उनके साथ धोखा किया है।"

- "हम यह भी चाहते हैं कि सरकार विकास, हाईवे और बुलेट ट्रेन के नाम पर जबर्दस्ती किसानों की जमीन छीनना बंद कर दे।" 
- "पिछले साल राज्य की बीजेपी सरकार ने सशर्त किसानों का 34 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफी करने का एलान किया था। इसके बाद जून से अब तक 1753 किसानों ने खुदकुशी कर ली है।"

- फसलों के सही दाम न मिलने से भी किसान नाराज है। सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है।

सरकार ने किसानों के लिए खोला खजाना

- राज्य में खेती की हालत खराब हो रही है। किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। इसे देखते हुए फडणवीस सरकार ने इस बार के बजट में किसानों के लिए 75 हजार 909 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

शहरवासियों ने किया स्वागत

- अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से निकाले गए मोर्चे के मुंबई पहुंचते ही मुंबईवासियों ने किसानों का दिल खोलकर स्वागत किया। मुंबई के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ठाणे से सायन तक के बीच में जगह-जगह पर नागरिकों ने किसानों का फूल देकर स्वागत किया। किसानों के लिए पानी, चाय और नाश्ता की व्यवस्था भी की।

साभार दैनिक भास्कर