कश्मीर

कश्मीर (कश्मीरी : कोशूर) भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिस्सा है जिसके अलग-अलग भागों पर भारत तथा पाकिस्तान का अधिपत्य है। भारतीय कश्मीर जम्मू और कश्मीर प्रान्त का एक खण्ड है। पाकिस्तान इसपर भारत का अधिकार नहीं मानता और इसे अधिकृत करना चाहता है। कश्मीर एक मुस्लिम बहुल प्रदेश है। आज ये आतंकवाद से जूझ रहा है। इसकी मुख्य भाषा कश्मीरी है।
जम्मू और कश्मीर भारत का सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। पाकिस्तान इसके उत्तरी इलाके ("पाक अधिकृत कश्मीर") या तथाकथित "आज़ाद कश्मीर" के हिस्सों पर क़ाबिज़ है, जबकि चीन ने अक्साई चिन पर कब्ज़ा किया हुआ है। भारत इन कब्ज़ों को ग़ैरक़ानूनी मानता है जबकि पाकिस्तान भारतीय जम्मू और कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। राज्य की आधिकारिक भाषा उर्दू है।

'जम्मू और कश्मीर' में जम्मू (पुँछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों में अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है।

जम्मू और कश्मीर के बाकी दो खण्ड हैं जम्मू और लद्दाख़। पाकिस्तान के कब्ज़े में राज्य के दो अन्य खण्ड हैं : शुमाली इलाके और तथाकथित आज़ाद कश्मीर। चीन के कब्ज़े में लद्दाख़ का अक्साई चिन इलाका आता है।
कश्मीर हिमालय पर्वती क्षेत्र का भाग है। जम्मू खण्ड से और पाकिस्तान से इसे पीर-पांजाल पर्वत-श्रेणी अलग करती है। यहाँ कई सुन्दर सरोवर हैं, जैसे डल, वुलर और नगीन। यहाँ का मौसम गर्मियों में सुहावना और सर्दियों में बर्फ़ीला होता है। इस प्रदेश को धरती का स्वर्ग कहा गया है। एक नहीं कई कवियों ने बार बार कहा है :

गर फ़िरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त।
प्रसिद्ध उत्पाद
कश्मीर से कुछ यादगार वस्तुएं ले जानी हों तो यहां कई सरकारी एंपोरियम हैं। अखरोट की लकडी के हस्तशिल्प, पेपरमेशी के शो-पीस, लेदर की वस्तुएं, कालीन, पश्मीना एवं जामावार शाल, केसर, क्रिकेट बैट और सूखे मेवे आदि पर्यटकों की खरीदारी की खास वस्तुएं हैं। लाल चौक क्षेत्र में हर तरह के शॉपिंग केंद्र है। खानपान के शौकीन पर्यटक कश्मीरी भोजन का स्वाद जरूर लेना चाहेंगे। बाजवान कश्मीरी भोजन का एक खास अंदाज है। इसमें कई कोर्स होते है जिनमें रोगन जोश, तबकमाज, मेथी, गुस्तान आदि डिश शामिल होती है। स्वीट डिश के रूप में फिरनी प्रस्तुत की जाती है। अंत में कहवा अर्थात कश्मीरी चाय के साथ वाजवान पूर्ण होता है।
मौसम
धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर ग्रेट हिमालयन रेंज और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित है। यहां की नैसर्गिक छटा हर मौसम में एक अलग रूप लिए नजर आती है। गर्मी में यहां हरियाली का आंचल फैला दिखता है, तो सेबों का मौसम आते ही लाल सेब बागान में झूलते नजर आने लगते हैं। सर्दियों में हर तरफ बर्फकी चादर फैलने लगती है और पतझड शुरू होते ही जर्द चिनार का सुनहरा सौंदर्य मन मोहने लगता है। पर्यटकों को सम्मोहित करने के लिए यहां बहुत कुछ है। शायद इसी कारण देश-विदेश के पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। वैसे प्रसिद्ध लेखक थॉमस मूर की पुस्तक लैला रूख ने कश्मीर की ऐसी ही खूबियों का परिचय पूरे विश्व से कराया था।

कश्मीर की वादियों के किसानो की समस्यायें होगी दूर केन्द्र करेगा आँकलन

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रियासत में अब कृषि गणना की की जाएगी। यह अभियान पूरे राज्य में जुलाई के पहले सप्ताह से चलेगा। दसवीं कृषि गणना में कृषि संबंधी आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसमें प्रत्येक गांव, ब्लाक, तहसील और राज्य स्तर पर कृषि योग्य भूमि, संसाधनों तथा अन्य का ब्योरा इकट्ठा होगा। कृषि गणना के तहत पूरी रियासत में सर्वे होगा। इसमें विभिन्न कैटेगरी के आधार पर भूमि का आंकड़ा लिया जाएगा। मसलन मामूली भूमि, छोटे, मध्यम तथा बड़े खेत। यह जानकारी सामाजिक आधार पर भी ली जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के पास विभिन्न कैटेगरी में कितनी भूमि है। साथ ही महिला और पुरुष के आधार पर भी डाटा एकत्रित होगा।