खीरा

खीरा (cucumber ; वैज्ञानिक नाम: Cucumis sativus) ज़ायद की एक प्रमुख फसल है।

सलाद के रूप में सम्पूर्ण विश्व में खीरा का विशेष महत्त्व है। खीरा को सलाद के अतिरिक्त उपवास के समय फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा विभिन्न प्राकर की मिठाइयाँ भी तैयार की जाती है। पेट की गड़बडी तथा कब्ज में भी खीरा को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। खीरा कब्ज़ दूर करता है। पीलिया, प्यास, ज्वर, शरीर की जलन, गर्मी के सारे दोष, चर्म रोग में लाभदायक है। खीरे का रस पथरी में लाभदायक है। पेशाब में जलन, रुकावट और मधुमेह में भी लाभदायक है। घुटनों में दर्द को दूर करने के लिये भोजन में खीरा अधिक खायें।

गन्ने के साथ सहफसली मैं ले सकते हैं मूंग और उड़द

  गन्ने के साथ  सहफसली मैं  ले सकते हैं मूंग और उड़द

किसान अपने गन्ने की बुवाई में सही फसली के रूप में ग्रीष्मकालीन उड़द बाबू की बुवाई कर सकते हैं। गन्ना जो अक्टूबर में लगाया गया था मैं काफी बड़ा हो चुका है उसमें इसे सही पसली के रूप में नहीं ले सकते परंतु जो गन्ना फरवरी और मार्च में बुवाई हुई है उनके बीच में 60 दिन की मूंग या उड़द की फसल को आसानी से लिया जा सकता है।
बसंत कालीन गन्ने में खीरा की फ़सल भी किसानों को लाभकारी सिद्ध होती है।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए लता वर्गीय सब्जियों के बीज पर 100% अनुदान

लता वर्गीय सब्जियों के बीज पर 100% अनुदान

उपनिदेशक उधान बरेली मण्डल द्वारा बरेली मण्डल के जनपद बरेली , पीलीभीत ,बदायुं एवं शाहाजहाँपुर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंर्तगत वर्ष 2015 -16 में किर्यन्वन हेतु नर्सरी सीडिंग इनलो टनल पौली नेट एंड प्रोडक्शन आफ हाई वैल्यू वैजीटेबलस परियोजना संचालित हो रही है यह योजना पूरे प्रदेश के किसानों के लिए उपलब्ध है उपनिदेशक उधान बरेली मण्डल ने योजना की जानकारी देते हुए बताया की इस योजना के अंतर्गत जायद मौसम में लता वर्गीय लौकी , तोरई ,करेला ,खीरा आदि का वितरण  किया जायेगा इस योजना के अंर्तगत किसान भाइयों द्वारा मन पसंद बीज खरीदने की आजादी होगी तथा उसकी रसीद उद्यान विभाग कार्यालयों पर जमा कर दे