खेत

खेत (en:field) वह स्थान, जहाँ किसान फसलें उगाते हैं।

अब किसान खेत में तालाब बनाऐंगे तो उत्तर प्रदेश सरकार करेगी मदद

अब किसान खेत में तालाब बनाऐंगे तो उत्तर प्रदेश सरकार करेगी मदद

 अब खेत में तालाब बनाने पर किसानों को काफी फायदा होगा, क्योंकि उनको वैज्ञानिक पद्धति का भी लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार ने पानी बचाने के लिए एक नया प्लान तैयार कर लिया है, जिसके लिए प्रदेशभर के किसानों को खेतों में तालाब बनाने के लिए अनुदान भी मिलेगा। 

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत एक तो तपती गर्मी ऊपर से लड़खड़ाती विद्युत व्यवस्था ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। सूखे पड़े खेत पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। नहरें-बंबे सूखे पड़े हैं। ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतापूर्ति के नाम पर तो सिर्फ दिखावा है। आपूर्ति न होने से किसान खेतों की ¨सचाई करने के लिए तरस रहे है। मई में पड़ रही रिकार्ड तोड़ गर्मी ऊपर से विद्युत की आंख-मिचौली शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीना मुहाल किए हुए है। विद्युतापूर्ति व्यवस्थित न होने से जहां एक ओर शहर के वा¨शदों को गर्मी, पानी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर ग

बुंदेलखंड में खेत-तालाब की सबको दरकार, जैसे एक अनार सौ बीमार

बुंदेलखंड में खेत-तालाब की सबको दरकार, जैसे एक अनार सौ बीमार

बुंदेलखंड में सूखे से निपटने के लिए सरकार द्वारा घोषित दूरगामी खेत-तालाब योजना ने किसानों के अंदर एक उम्मीद जगाई है। इसीलिए अपने-अपने खेतों में तालाब बनवाने के लिए किसानों में अकुलाहट है।

 

झांसी.बुंदेलखंड में सूखे से निपटने के लिए सरकार द्वारा घोषित दूरगामी खेत-तालाब योजना ने किसानों के अंदर एक उम्मीद जगाई है। इसीलिए अपने-अपने खेतों में तालाब बनवाने के लिए किसानों में अकुलाहट है। इससे एक अनार, सौ बीमार वाला हाल नजर आने लगा है।

 

पूसा हाइड्रोजल से एक बार की सिंचाई से होंगी फसलें

पूसा हाइड्रोजल से एक बार की सिंचाई से होंगी फसलें

जिन इलाकों में जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है, वहां के किसानों के लिए एक राहतभरी खबर है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च(आईसीएआर) ने पूसा हाइड्रोजैल नाम का एक पदार्थ विकसित किया है, जो दो या तीन बार पानी देने वाली फसलों को सिर्फ एक बार की सिंचाई में तैयार कर देगा।

श्योपुर जिले के बड़ौदा कृषि विज्ञान केन्द्र ने इसका प्रयोग चना व गेहूं की फसलों पर किया है, जहां परिणाम उम्मीद से भी अच्छे आए हैं।

ऐसे काम करता है पूसा हाइड्रोजैल

 

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