पीएम किसान सम्मान निधि योजना

प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की एक पहल है जिसमें १२ करोड़ छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि है, उन्हें न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष ६ हजार रूपए तक मिलेगा। 1 फरवरी 2019 को भारत के 2019 अन्तरिम केंद्रीय बजट के दौरान पीयूष गोयल द्वारा इस पहल की घोषणा की गई थी। इस योजना की लागत प्रति वर्ष 75,000 करोड़ रूपए होगी और यह दिसम्बर 2018 से लागू होगी। ₹ 6,000 प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाएगा और सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा।

योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन से की गई है। सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये अग्रिम बजटीय प्रावधान करा लिया है जबकि योजना पर सालाना खर्च 75 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है। छोटे किसानों के लिए योजना अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होने वाली है। बुवाई से ठीक पहले नगदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सहूलियत मिल जाएगी। इन छोटे किसानों में ज्यादातर सीमान्त हैं, जिनका खेती से पेट भरना मुश्किल है।

इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर खेती वाली जमीन से कम रकबा वाले किसानों को दिए जाने का प्रावधान है। राज्य सरकारें ऐसे किसानों की जोत के साथ उनके बैंक खाते और अन्य ब्यौरा केंद्र सरकार को मुहैया कराएंगी। उसकी पुष्टि के बाद केन्द्र सरकार ऐसे किसानों के बैंक खातों में सीधे धन जमा कराएगी। योजना की सफलता में डिजिटल प्रणाली की भूमिका अहम साबित हो रही है।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना एप शुरू स्थिति की जांच या आधार ,नाम आदि पर सुधार सम्भव

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पीएम किसान सम्मान निधि योजना की पहली वर्षगांठ पर विशेष मोबाइल ऐप को पेश करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में सहायक है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि योजना को आसानी से व्यापक स्तर पर पहुंचाने के लिए यह ऐप विकसित किया गया है। यह साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बता दें पीएम-किसान योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश में की गई थी और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य इस योजना को लागू कर रहे हैं।