प्रशिक्षण

शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं मानसिक, नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है।[1]

औपचारिक शिक्षा के शामिल है व्यावसायिक शिक्षकों (professional teachers) द्वारा नियमशील अनुदेश, शिक्षण और प्रशिक्षण इन में शामिल हैं अध्यापन (pedagogy) और पाठ्यक्रम (curricula) के विकास का विनियोग एक उदार शिक्षा परंपरा में, शिक्षक अपने पाठ के लिए मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी, भाषा विज्ञानं, जीव विज्ञान और समाजशास्त्र (sociology) सहित अलग अलग विषयों से प्रेरणा लेते हैं व्यवसायों के विशेषीकृत शिक्षक जैसे खगोल भौतिकी (astrophysics), कानून, या प्राणीशास्त्र शायद एक सीमित क्षेत्र में ही सिखाएं आमतौर पर उच्च शिक्षा के संस्थानों में प्रोफेसरों के रूप में जो विशिष्ट कुशलता चाहें, जैसे की उद्धरण के लिए वेह कुशलता जो पायलट (pilot) बन्नने के लिए आवश्यक है, उन के लिए व्यापार के क्षेत्र में विशेषीकृत अनुदेश का अधिक अवसर है अंततः, इस कारणवश अनौपचारिक क्षेत्र में बे हद्द सारे शैक्षिक अवसर हैं, समाज संग्रहालय (museums) और पुस्तकालयों जैसे संस्थाओं को बढ़ावा देता है। अनौपचारिक शिक्षा में शामिल है शिक्षा जो जीवन में व्यवसाय (profession) के व्यापारिक परिपाटी से प्राप्त की हुई हो सहित ज्ञान और सीखी गई कुशलता जो जीवन के दौरान और सुधरता है,

शिक्षा का अधिकार एक मूलभूत मानव अधिकार है १९५२ से यूरोपीय मानवाधिकार लोक संमति (European Convention on Human Rights) के अनुछेद २ का पहला प्रोटोकॉल सभी हस्ताक्षरकर्ता दलों को शिक्षा के अधिकार की गारंटी करने के लिए मजबूर करता है विश्व स्तर, पर संयुक्त राष्ट्र संघ' १९६६ के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संश्राव (International Covenant on Economic, Social and Cultural Rights) के तहत यह अधिकार अपने अनुच्छेद १३ के द्वारा इस अधिकार की गारंटी देता है

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक खेती करके एक किसान सालाना 50 हजार से 60 हजार ही कमा पाता है वही आधुनिक खेती करके 2-3 लाख  सालाना कमा सकते हैं 

दो  दिवसीय 
 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं प्रशिक्षण शुल्क में भी 50% की छूट होगी साथ ही अनेकों फायदे हैं
8-9 February 2020

Day 1
मोती पालन 
मशरूम की खेती 
Day 2 
कड़कनाथ मुर्गा पालन 
स्टीविया की खेती 

प्रशिक्षण शुल्क
4600/- 
( बमोरिया फार्म पर रहना और खाना  और रहना इंक्लूड होगा)

कृषि यंत्र पर अनुदान और प्रशिक्षण मुफ्त

कृषि यंत्र पर अनुदान और प्रशिक्षण

किसानों के लिए सरकार की सबमिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना खुशियों की सौगात लेकर आई है। इसमें किसानों को चारा काटने की मशीन से लेकर अन्य आठ प्रकार के कृषि यंत्र अनुदान पर मुहैया कराए जाएंगे। इतना ही नहीं कृषि यंत्रों की कमियों को दूर करने के लिए किसानों को मैकेनिक का प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाएगा। इससे किसानों को