फूल

फूल पेड़-पौधों का ही एक अंग है। फूल मनुष्य के द्वारा सजावट और औषधि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा घरों और कार्यालयों को सजाने में भी इनका उपयोग बहुतायत से होता है। भारत में पुष्प की खेती एक लंबे अरसे से होती रही है, लेकिन आर्थिक रूप से लाभदायक एक व्यवसाय के रूप में पुष्पों का उत्पादन पिछले कुछ सालों से ही प्रारंभ हुआ है। समकालिक फूल जैसे गुलाब, कमल, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन, कनेर, गेंदा, चमेली आदि के बढ़ते उत्पादन के कारण गुलदस्ते और उपहारों के स्वरूप देने में इनका उपयोग काफ़ी बढ़ा है।
पुष्प, जिन्हें फूल भी कहा जाता है, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है।

फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों/मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी।

मधुमक्खी पालन के लिए सबसे अच्छे फूल कौन से हैं

 मधुमक्खी पालन के लिए सबसे अच्छे फूल कौन से हैं

मधुमक्खियां फूलों का रस चूसकर शहद बनाती हैं. मधुमक्खियां फूलों से रस और परागकण लेती हैं, रस यानि अमृत फूलों की गहराई में स्थित होता है. और पराग (पीले रंग की धूल) जो फूलों के ऊपर बिखरी रहती है, वह पुंकेसर के पास स्थित होती है. मधुमक्खियां इस रस को पेट में रखकर वापस छत्ते पर आती हैं, वह इस रस को चबाने वाली मधुमक्खियों को देती हैं. वह मधुमक्खियां इस रस को चबाती हैं. इसी दौरान उनके एंजाइम रस को ऐसे पदार्थ में बदल देते हैं, जिसमें पानी के साथ शहद शामिल होता है. इसके बाद मधुमक्खियां पदार्थ को मधुकोषों में डाल देती हैं, जिससे पानी वाष्पीकृत हो जाता है और शहद रह जाता है.

सरदार वल्लभ भाईपटेल कृषि विवि में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला

सरदार वल्लभ भाईपटेल कृषि विवि में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला

तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। किसान मेला कृषि कुंभ के रूप में आयोजित किया जाएगा। सोमवार को सरदार वल्लभ भाईपटेल कृषि विवि के कुलपति प्रो. गया प्रसाद ने मेले के संबंध में मीडिया से वार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान मेले में एक ही मंच पर किसानों को अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी।

 

 

पशु प्रदर्शनी होगी मेले का आकर्षण

 

- कुलपति प्रो. गया प्रसाद ने बताया कि मेले को यादगार बनाने के हर संभव प्रयास किए गए हैं।

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम देश का पहला पूरी तरह जैविक राज्य बन गया है। राज्य में करीब 75 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि में सिर्फ टिकाऊ खेती होने लगी है। सिक्किम के जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. अनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में राज्य ने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को गंगटोक में टिकाऊ खेती सम्मेलन में इसका औपचारिक रूप से एलान करेंगे।

ऐसे होने लगी जैविक खेती