सब्जियों में वायरल का अटैक एवं उपचार

सब्जियों में वायरल का अटैक एवं उपचार

मौसम खरीफ फसलों के अलावा हरी सब्जियां भी बर्बाद होने की स्थित में पहुंच गई हैं। रात में उमस भरी गर्मी और दिन में तेज धूप हो रही है, जिससे हरी सब्जी की फसलों पर कीटाणुओं और वायरल अटैक शुरू हो गया है। इससे टमाटर, बैंगन, मिर्च, लौकी, परवल और भिंडी समेत अन्य हरी सब्जियां प्रभावित हो रही हैं। अल्प वर्षा के कारण इन फसलों की बाढ़ भी रुक गई है। कीटाणुओं के प्रकोप से मुर्रा, फलछेदक, समरछेदक जैसे अनेक रोग लग रहे हैं, जिससे सब्जी उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
पारंपरिक खेती गेहूं और धान को घाटे का सौदा मानकर किसानों का हरी सब्जी में रुझान देखने को मिल रहा है। कमजोर बारिश, गर्मी और धूप की वजह से हरी सब्जी की फसलों में भी खतरा मंडराने लगा है।मिर्च की फसल में  मुर्रा नामक रोग लग गया है। मिर्च की फसल में रोग लगने की वजह से फूल व फल नहीं लग रहे हैं। दवा का भी छिड़काव किया जा रहा है लेकिन गर्मी और तेज धूप की वजह से असर नहीं हो रहा है। 

उपाय

२० लीटर गौमूत्र में 5 किलो नीम की पत्ती , 3 किलो धतुरा की पत्ती और 500 ग्राम तम्बाकू की पत्ती, 1 किलो गुड 25 ग्राम हींग डाल कर तीन दिनों के लिए छाया में रख दें फिर छिद्काब करनें से 10 घंटे पहले २५० ग्राम लाल मिर्च का पाउडर मिला दे  यह घोले 1 एकड़ के लिए तैयार है इसे दो बार में 7-10 दिनों के अन्तेर से छिद्काब करना है प्रति 15 लीटर पानी में 3 लीटर घोल मिलाना है छिद्काब पूरी तरह से तर करके करना होगा 

दुसरे छिड्काब के 5-8 दिन बाद एमिनो असिड , फोल्विक असिड ,पोटैशियम होमोनेट का समानुपात में छिड्काब लाभकारी रहेगा लेकिन नत्रजन की मात्रा का प्रयोग नही करना चाहिए अन्यथा नुकसान बड़ने की संभाबना रहती है 

रासायनिक उपचार 

मिथाइल डेमेटॉन 25 ई.सी. दवा की 2 मिली लीटर अथवा इमेडाक्लोप्रिड दवा 0.5 मिली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। वायरस के प्रारंभिक अवस्था में होने पर इससे फसल को फायदा होता है।

खेतों में नमी की मात्रा बनाय रखे