सौर ऊर्जा

सौर ऊर्जा वह उर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है।

वैसे तो सौर उर्जा के विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। सूर्य की उर्जा को दो प्रकार से विदुत उर्जा में बदला जा सकता है। पहला प्रकाश-विद्युत सेल की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की उष्मा से गर्म करने के बाद इससे विद्युत जनित्र चलाकर प्रयोग किया जाता है

सौर ऊर्जा : सूर्य एक दिव्य शक्ति स्रोतशान्त व पर्यावरण सुहृद प्रकृति के कारण नवीकरणीय सौर ऊर्जा को लोगों ने अपनी संस्कृति व जीवन यापन के तरीके के समरूप पाया है। विज्ञान व संस्कृति के एकीकरण तथा संस्कृति व प्रौद्योगिकी के उपस्करों के प्रयोग द्वारा सौर ऊर्जा भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत साबित होने वाली है

सौर ऊर्जा, जो रोशनी व उष्मा दोनों रूपों में प्राप्त होती है, का उपयोग कई प्रकार से हो सकता है। सौर उष्मा का उपयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण तथा विद्युत ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जा सकता है। फोटो वोल्टायिक प्रणाली द्वारा सूर्य के प्रकाश को विद्युत में रूपान्तरित करके प्रकाश प्राप्त की जा सकती है, प्रशीलन का कार्य किया जा सकता है, दूरभाष, टेलीविजन, रेडियो आदि चलाए जा सकते हैं, तथा पंखे व जल-पम्प आदि भी चलाए जा सकते हैं।

अच्छी खेती के लिए अपने विचारों को करेंगे साझा

अच्छी खेती के लिए अपने विचारों को करेंगे साझा

कृषि क्षेत्र में नई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ के किसान दोनों राज्यों में खेती के क्षेत्र में हो रहे प्रयोगों पर अपने अनुभवों को साझा करेंगे।

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों राज्यों की जलवायु और मिट्टी की किस्में अलग-अलग हैं। नए विचारों और अच्छे कार्य-व्यवहारों के साझा करने से दोनों राज्यों को उत्पादकता बढ़ाने के अलावा कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।''

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के बीच पिछले दिनों कोटा में आयोजित बैठक में इसके लिए सहमति बनी।