kisan

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

पंतनगर में किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन 4 मार्च से

पंतनगर में किसान मेला  एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आयोजन 4 मार्च से

 ‘‘कृषि कुम्भ’’ नाम से विख्यात ‘अखिल भारतीय पन्तनगर किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’ का 101 वां आयोजन पन्तनगर में 4 मार्च से 7 मार्च तक होगा।

जी बी पन्त कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर के निदेशक, प्रसार शिक्षा वाई.पी.एस. डबास ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस मेले में विभिन्न फसलों एवं सब्जियों के नवीनतम पद्धति से लगाये गये प्रदर्शनों का अवलोकन कराया जायेगा तथा आने वाली रबी की फसलों, सब्जियों की अधिक उपज देने वाली प्रमाणित तथा अधारीय बीज एवं फल वृक्षों के पौधे भी उपलब्ध कराये जायेंगे।

राजस्थान के किसानों का होगा लोन का आधा ब्याज माफ

राजस्थान के किसानों का होगा लोन का आधा ब्याज माफ

राजस्थान में किसानों को कर्ज चुकाने पर ब्याज में 50 फीसदी तक की छूट दी है. सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बताया कि यह योजना 30 अप्रैल तक लागू रहेगी. एक जुलाई, 2016 को 10 वर्ष से अधिक के अवधि पार कर्ज लिए हुए किसानों को बकाया अवधि पार पैसा जमा कराने पर ब्याज में 50 फीसदी छूट मिलेगी.

किलक के अनुसार 6 वर्ष से अधिक लेकिन 10 वर्ष तक के अवधि पार लेनदार किसानों को 40 फीसदी और एक साल से ज्यादा लेकिन 6 साल तक के अवधि पार किसानों को 30 फीसदी छूट मिलेगी. सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना में किसानों के दण्डनीय ब्याज और वसूली खर्च की राशि को माफ किया गया है.

किसानों के सुसाइड पर नेशनल पॉलिसी बनाने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट

 किसानों के सुसाइड पर नेशनल पॉलिसी बनाने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के सुसाइड के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक व्यापक नेशनल पॉलिसी बनाए जाने का समर्थन करते हुए सभी राज्यों, संघ शासित क्षेत्रों और केंद्र सरकार.से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते कर्ज और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नष्ट होने की वजह से किसानों के सुसाइड की घटनाएं पब्लिक इंटरेस्टव ह्यूमन राइट्स के लिहाज से बेहद गंभीर मामला है।   चीफ जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस एन वी रमना ने कहा, ‘व्यापक पब्लिक इंटरेस्ट और ह्यूमन राइट्स के लिहाज से यह एक सेंसेटिव मसला है, जिससे पूरा देश प्रभावित है।’   बेंच ने गुजरात में किसानों के सुसाइड के मुद्दे पर मिली पिटीशन के दायरे को खुद

छत्तीसगढ़ में किसानों को निजी कंपनियों के कृषि उपकरण खरीदने पर भी मिलेगा अनुदान

छत्तीसगढ़ में किसानों को निजी कंपनियों के कृषि उपकरण खरीदने पर भी मिलेगा अनुदान

 छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी पसंद के गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्र या कृषि उपकरण छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम या निजी कंपनियों के पंजीकृत विक्रेताओं से खरीदने की स्वतंत्रता है। कृषि विभाग की ओर से नियमानुसार अनुदान दिया जाता है।

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