जैविक कृषि सुरक्षा

पानी की कमी रही तो नहीं फूटेंगे कंसे

पानी की कमी रही तो नहीं फूटेंगे कंसे

रिमझिम रिमझिम बरसा सावन यह गीत इस वर्ष गलत हो रहा है किसानों का सावन वरिश से नहीं आँखों से आंसू बन कर बरस रहा है किसानों की किस्मत पर तो मानों की ओलें पड़ गएँ हो मुसीबतें तो थमने का नाम ही नही ले रही है धान की फसल पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। जानकारों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो खाद डालने के बावजूद धान में कंसे नहीं फूटेंगे। जहां फूटेंगे भी तो काफी कमजोर रहेंगे।सितंबर का महीना धान की फसल के लिए कंसा फूटने का समय होता है। इसी समय धान के पौधों से बालियों के लिए कंसे फूटते हैं। किसान इसे आम बोलचाल में धान का पोटराना यानि गर्भावस्था का समय कहते हैं। इस समय खेत

सितम्बर माह के प्रमुख कृषि कार्य

सितम्बर माह के प्रमुख कृषि कार्य

सितम्बर में मक्का ज्वार की कटाई की जाती है।

धान के खेत में नमी होनी चाहिये, यदि नमी कम हो तो सिंचाई करते हैं।

महीने के अन्त में अलसी, सरसों एवं कुसुम इत्यादि फसलें बोते हैं।

रबी की फसलों के लिये खेत की तैयारी करते हैं।

आलू, जो जल्दी पकते हैं, उसे बोया जाता है।

आम के लगाये गये नये पौधों की सुरक्षा करते हैं।

लीची के 1 साल के पौधे को 5 किलो गोबर/कम्पोस्ट खाद 25 ग्राम फास्फेट 50 पोटाश 50 ग्राम नाइट्रोजन देते हैं ।

अमरुद के बगीचों की सिंचाई करते हैं।

धान में लगने वाले प्रमुख कीट एवं उनकी रोकथाम

धान में लगने वाले प्रमुख कीट एवं उनकी रोकथाम 
मुख्य समस्याए
धान की फसल को विभिन्न क्षतिकर कीटों जैसे तना छेदक, गुलाबी तना छेदक, पत्ती लपेटक, धान का फूदका व गंधीबग द्वारा नुकसान पहुँचाया जाता है तथा बिमारियों में जैसे धान का झोंका, भूरा धब्बा, शीथ ब्लाइट, आभासी कंड व जिंक कि कमी आदि की समस्या प्रमुख है.

फसलों में यैलो मोसिक वायरस लाने की सबसे बडा कारण सफेद मक्खी

फसलों पर वायरस अटैक कर रहा है। इससे पैदावार कम हो रही है और 3-4 दिन के अन्दर पूरे खेत में फैल जाता है और सम्पूर्ण फसल पीली पड़ जाती है। । 90 प्रतिशत से ज्यादा मिर्च की फसल में वायरस को फैलाने में सफेद मक्खी की भूमिका रही है। बीजों का उचित उपचार नहीं किया जाना, साथ ही जानकारी का अभाव, विलंब से मानसून आना। लंबे समय तक पड़ने वाला सूखा भी वायरस को फैलाने में सहयोगी रहा। किसानों द्वारा अंधाधुंध कीटनाशकों का उपयोग, बिना जानकारी के कीटनाशकों के मिश्रण का छिड़काव। किसानों द्वारा लगातार एक ही फसल का लिए जाना। फसल चक्र में बदलाव नहीं करना आदि कारण है। सब्जी की फसलों पर कीटाणु और वायरस अटैक से  

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