जैविक कृषि सुरक्षा

गन्ने की फसल में होने वाले रोग और निदान

हमारे देश में गन्ना प्रमुख रूप से नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है, जिसकी खेती प्रति वर्ष लगभग 30 लाख हेक्टर भूमि में की जाती है, इस देश में औसत उपज 65.4 टन प्रति हेक्टर है, जो की काफी कम है, यहाँ पर मुख्य रूप से गन्ना द्वारा ही चीनी व गुड बनाया जाता है Iउत्तर प्रदेश में और ख़ास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिकांश खेती गन्ने की ही होती है। ऐसे में किसानों के लिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि गन्ने की फसल को कौन से रोग बर्बाद कर सकते हैं और उनके रोकथाम के लिए किसान क्या कर सकते हैं! 
 
 

प्रमुख कीट/रोग  

मक्के में लगने बालें कीट व रोगों तथा उपचार

मक्का खरीफ ऋतु की फसल है, परन्तु जहां सिचाई के साधन हैं वहां रबी और खरीफ की अगेती फसल के रूप मे ली जा सकती है। मक्का कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है। यह एक बहपयोगी फसल है व मनुष्य के साथ- साथ पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव भी है तथा औद्योगिक दृष्टिकोण से इसका महत्वपूर्ण स्थान भी है।जिन किसानों ने मक्के की बुवाई की है, उन्हें मक्के में लगने वाले कीटों, रोगों व उनके उपचार के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है ताकि समय रहते किसान कीट व रोग को पहचान कर उचित उपचार कर सकें। इस संकलन से हम किसानों को मक्के में लगने वाले कीटों, रोगों व उनके उपचार के बारे में बता रहे हैं।

गेहूं की रोटी में भी हुई जहरीली

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गेहूं की रोटी में भी "जहर"

अगर आप सोच रहे हैं कि गेहूं के आटे की ताजी रोटी आपकी सेहत बना रही है तो सावधान हो जाएं। फूली हुई स्वादिष्ट रोटी आपकी सेहत को तंदुरुस्त करने की जगह बीमार भी कर रही है। उत्तर भारत में पैदा होने वाली अधिकांश गेहूं की प्रजातियों में अधिकाधिक मात्रा में ग्लूटन प्रोटीन पाया जा रहा है, जो कई बीमारियों को बढ़ाने का कारक है।

मिट्टी की जांच कब , क्यों,कैसे

कृषि में मृदा परीक्षण या "भूमि की जाँच" एक मृदा के किसी नमूने की रासायनिक जांच है जिससे भूमि में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जानकारी मिलती है। इस परीक्षण का उद्देश्य भूमि की उर्वरकता मापना तथा यह पता करना है कि उस भूमि में कौन से तत्वों की कमी है।

कब

फसल की कटाई हो जाने अथवा परिपक्व खड़ी फसल में।

प्रत्येक तीन वर्ष में फसल मौसम शुरू होने से पूर्व एक बार।

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