Aksh's blog

जैविक खेती से पायें उत्तम पैदावार

 जैविक खेती से पायें उत्तम पैदावार

खेतों में रसायनडालने से ये जैविक व्यवस्था नष्ट होने को है तथा भूमि और जल प्रदूषण बढ़ रहा है खेतों में हमे हमारे पास उपलब्ध जैविक साधनों की मदद से खाद, कीटनाशक दवाई,चूहा नियंत्रण हेतु दवा बगैरह बनाकर 

मॉनसून नहीं रहा भाग्य विधाता

kisanhelp.in

आजादी के इन साढ़े छह दशकों में देश में रह-रह कर यह सवाल उठता रहा है कि अगर किसी साल मॉनसून की चाल ठीक न रही तो क्या होगा?

देश को एक कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था बताकर यह साबित करने की कोशिश की जाती है कि जून से सितम्बर के बीच चार महीने की अवधि में अगर मॉनसूनी वर्षा में जरा भी ऊंच-नीच हुई, तो हमारी आर्थिक तरक्की ठिठक जाएगी और अनाज के लिए हम विदेशों के मोहताज हो जाएंगे.

कृषि विनाश के कारण हम तो नहीं ....................?

कृषि विनाश के कारण हम तो नहीं ....................?

 किसान को अन्नदाता कहा जाता है क्योकि किसान अन्न उगाता है सारी दुनिया दिन में दो बार भोजन और दो बार जलपान करते हैं। यह किसान की कृपा से ही सम्भव है। अगर मैं यह कहूँ  कि किसान देश में बीमारियाँ भी फैला रहे हैं, तो आपको ताज्जुब होगा, लेकिन यह एक कड़वा सत्य है  । आश्चर्यजनक बात यह है कि किसान इस  हकीकत से बखूबी वाकिफ हैं, लेकिन फिर भी कर रहे है बदलना नही चाहते हैं 

कीटनाशकों से हो रहा नाश

जैविक खेती पर्यावरण के लिए खतरा नही बल्कि लाभकारी

जैविक खेती ...

 कुछ दिनों पहले मैंने समाचार पत्र के माध्यम से सुना की कुछ बैज्ञानिकों ने जैविक को रासायनिक खेती की तरह ही दर्जा दे डाला  हमार देश के विशेषज्ञ वही बात ही बोल रहे है जो कुछ समय पहले अमेरिका ने कहा था मुझे ये समझ नही आता है की हमारे विशेषज्ञ अपना परीक्षण करने के बजाय पश्चिमी देशो द्वारा दिया गया त्थ्थों को क्यों दोहराते है 
अमेरिका ने कहा है तो सत्य ही होगा ऐसी अबधारना हमारे ऊपर हाबी हो चुकी है 

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