Aksh's blog
जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी
Submitted by Aksh on 10 June, 2015 - 01:23चलें खेत की ओर
Submitted by Aksh on 9 June, 2015 - 23:48अब हम ग्रामीण युवाओं की बात करते हैं। यदि इन्हें बुद्धि व विज्ञान से कृषि कार्य सिखाया जाए तो यह अपनी 2-3 एकड़ जमीन से भी सम्मान पूर्वक जीवन जीने योग्य अपने को बना सकते हैं और हम सारी दुनिया का पेट भर सकते हैं। हम अपने देश को कृषि प्रधान देश कहते हैं, परन्तु इसका वास्तविक मतलब हमें मालूम ही नहीं है। विश्व में केवल 20 प्रतिशत जमीन पर खेती होती है। हमारे यहां 60 प्रतिशत भूमि पर खेती होती, जिसे आसानी से 78 प्रतिशत तक किया जा सकता है। दुनिया का वार्षिक वर्षा आंकड़ा 63 से. मी. है। चीन में 61 से. मी. और अमेरिका में 48 से. मी. वर्षा होती है। भारत में वर्षभर में 104 से. मी.
खेती में देशी गाय की उपयोगिता
Submitted by Aksh on 22 May, 2015 - 23:06कृषि पर जलवायु परिवर्तन के संभावित दुष्प्रभावों पर विश्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए बताया है कि वैश्विक तापमान में हो रही वृद्वि का खामियाजा दक्षिण एशियाई देशों में भारत को सर्वाधिक भुगतना पड़ सकता है यहाँ की कृषि पर इसका बुरा असर पड़ेगा। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से आंधा्रप्रदेश के किसानों की आय बीस फीसदी तक घट जाएगी, महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन में पच्चीस से तीस फीसदी की गिरावट संभव है तथा उड़ीसा में चावल उत्पादन में बारह फीसदी की गिरावट आएगी।फसल उत्पादन में गिरावट का सीधा असर निश्चित रूप से हमारी अर्थ व्यवस्था