क्या किसान की आय सचमुच दोगुनी होगी ?
मोदी सरकार ने अपनी पहली सरकार में कहा था कि किसान की आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी, उन्होंने मिट्टी की जाँच से लेकर फ़र्जी जीरो बजट तक के जोर लगाए।
लेकिन विश्लेषण किया जाये तो हम किसान प्रति वर्ष 18%घाटे में जा रहे हैं।
किसान जब भी कोई बीज,खाद,कीटनाशक, या कृषि यंत्र खरीदता है तो उसे उस वस्तु के मूल्य पर 18%GST चुकानी होती है।
मौसम प्राकृतिक आपदा सहने के बाद जब वह अपनी फसल का उत्पादन करता है, तो उस उत्पादन का मूल्यांकन ए सी ऑफिस में बैठकर आला अधिकारी और मंत्री जी तय कर देते हैं,जैसे कि धान का समर्थन मूल्य1825 रूपये प्रति कुन्तल।
तब हमारे अनुसार मूल्य हो तो 1825 रूपये +18%GST होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है उस पर मंडी ख़र्च, तमाम खर्च काट लिया जाता है।
इसका मतलब हम किसानों ने आपका उत्पादन लेने के लिए 18%GST खर्च किया परन्तु हमें अपने उत्पाद पर 18%नही मिला सीधा सा आंकड़ा कि एक फसल पर हम 18% घाटे में गए वर्ष में दो फसलों पर 36% अर्थात 3 साल में 100%से ज्यादा घाटा,,,
कैसे होगी किसान की आय दोगुनी?
क्या यह किसान को खत्म करने की साजिश रची गई है? जिस पर पक्ष और विपक्ष की आपसी सहमति है।सरकार अपने लोगों को तो विपक्ष जीजा जी के वास्ते किसानों का बलिदान देने को तैयार हैं।
दरों के मुताबिक किसानों को उर्वरकों पर 12%, कीटनाशकों पर 18% और ट्रैक्टर पर 12% कर देना पड़ता है।
अब रही बची कसर सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी के फरमान और निक्कमी पुलिस के श्री कर कमलों से हो गया ,किसान जो 200 रुपये की मजदूरी पाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली चलाता है उसका 10000 का चालान20 हजार का चालान ।
वाह रे मोदी सरकार।