जायद की फसल में खीरे की खेती कर लाभ कमायें
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह ने किसानों से जायद की फसलों की समय से बुवाई करने और खीरे की फसल अपना कर लाभ कमाने की सलाह दी है।
जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि किसान फसल बोने में समय का विशेष ध्यान रखें। जायद की फसलों के लिए सर्वोत्तम समय 20 फरवरी तक का होता है। दलहनी फसलों के अलावा यदि सबसे लाभ दायक फसल है तो वह है खीरा जिसे किसान अपना कर भारी मुनाफा कमा सकते हैं। खीरे के लिए आवश्यक है कि उन्नतशील प्रजातियों का चयन करें जैसे स्वर्ण पूर्णा, स्वर्ण अगेती, कल्यानपुर हरा, पन्त खीरा-1,फाइन सेट,जापानी लांग ग्रीन आदि। बीज प्रति हेक्टेअर ढाई से तीन किलोग्राम बोना चाहिये। इसे मार्च के प्रथम सप्ताह तक अवश्य बोना चाहिये। अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक है। दो से ढाई कुतंल गोबर की कम्पोस्ट खाद, 50 किलो ग्राम नाइट्रोजन,60किलोग्राम फास्फोरस तथा एक कुन्तल प्रति हेक्टेअर पोटाश प्रयोग करनी चाहिये। सावधानी पूर्वक समय से सिंचाई करते रहना चाहिए। पानी की उपलब्धता वाले खेतों का चयन करना चाहिये। कीट नियंत्रण के लिए मैलाथियान 2 मिली एक लीटर पानी की दर सेमिला कर छिड़काव करना चाहिये। फल मक्खी अथवा फल और चूर्ण फफूंदी के लक्षण दिखने पर निकट के कृषि रक्षा इकाई से सम्पर्क कर उचित उपचार करना चाहिये।