फसल में फूल भेदक सुण्डी के प्रकोप की चेतावनी
गन्ने, चने और मक्के के किसान फूल भेदक की सुण्डियों से अपनी फसल रक्षा करें। यह कहना पंतनगर स्थित गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिक डॉ. एसएन तिवारी का। उन्होंने बताया, ”चने, मक्के में फली बेधक कीट की सूडिय़ों का प्रकोप देखा गया है। जबकि गन्ने की पत्तियों को सैनिक कीटों की सूडिय़ां नुकसान पहुंचा रही हैं, जो लाखों-करोड़ों की संख्या में खेतों में घुसकर पौधों के विभिन्न भागों को खा रही हैं।” इन कीटों के नियंत्रण के लिए छिड़काव दोपहर के बाद करने पर दवाओं का अधिक असर पड़ता है और कीटनाशी रसायनों का छिड़काव करते समय सभी सावधानियों का समुचित रूप से पालन करें।
डॉ तिवारी ने इनकी रोकथाम के उपाए बताते हुए कहा, ”गेहूं, चना और मक्के में फली बेधक सूडिय़ों के नियंत्रण के लिए इन्डोक्साकार्ब 14.5 एससी 500 मिली या इन्डोक्साकार्ब 15.8 ईसी 333 मिली या क्लोरान्ट्रानिलिप्रोले 20 एससी 150-200 मिली 500 लीटर पानी में घोल कर फसलों के बीच में अच्छी तरह से छिड़काव करें। गन्ने की फसल पर सैनिक कीटों की सूडिय़ों के नियंत्रण के लिए मोनेाक्रोटोफास 36 एसएल 1500 मिली 500 लीटर पानी में घोल कर अच्छी तरह छिड़काव करें लेकिन अगर इससे बात न बने तो इन्डोक्साकार्ब का छिड़काव करें।
इन कीटों के व्यवहार के बारे में जानकारी देते हुए डा. तिवारी ने बताया, ”ये सूडियां कम दिखाई देती हैं, क्योंकि अधिक तापमान के कारण ये खेत की दरारों या ढेलों के नीचे छुप जाती हैं, और शाम-सवेरे-रात में तापमान कम होने पर बाहर निकल कर पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं। वैसे तो प्रत्येक वर्ष इन सूडियों का प्रकोप होता है, लेकिन इस वर्ष अनुकूल तापक्रम और आपेक्षिक आर्दता से इनका भयंकर प्रकोप हुआ है। ”