बारिश से गेहूं का एक लाख हेक्टेयर रकबा प्रभावित
रुहेलखंड के अन्नदाताओं की पीड़ा और बढ़ गई। बारिश के कारण गेहूं का एक लाख हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ। इसमें पांच से सात फीसद नुकसान हुआ है। इतना ही उत्पादन गिरने के आसार है। इसी तरह सरसों का 20 हजार हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है। कृषि विभाग खुद पांच फीसद तक नुकसान मान रहा है। कारण, गेहूं की तैयार खड़ी फसल अब लेट कटेगी।
रविवार को शाम से हुई बारिश से खेतों में जलभराव हो गया है, जो गेहूं की फसल लेट गई थी उनके दाने को दीमक लगने के आसार हैं। इसी तरह मसूर की फसल भी पानी में डूब गई। आलू की फसल को भी नुकसान है। कई जगह किसान आलू की खुदाई कर रहे थे। यदि आलू जमीन में अधिक दिन रहा तो वह सड़ने लगेगा। किसान मौसम का मिजाज देखकर परेशान हैं। यदि एक-दो दिन बारिश और होगी तो नुकसान का प्रतिशत बढ़ जाएगा।
गिर गया तापमान
रविवार की शाम से शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी रही। इससे तापमान में अचानक नौ डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ गई। अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री व न्यूनतम 18.2 डिग्री सेल्सियस रहा। तापमान कम होने से ठंडक का अहसास हुआ। लोगों के बदन पर गर्म कपड़े नजर आए। मौसम विज्ञानियों के कारण पश्चिमी विक्षोभ का असर मंगलवार को और रहने की संभावना है। रविवार व सोमवार को 11.6 एमएम बारिश दर्ज की गई।
सीबीगंज में पड़े ओले, नुकसान
सीबीगंज : बेमौसम हुई बारिश व ओलों से खेतों पर खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं के साथ सरसों और मसूर की फसल जमीन पर बिछ गई है। इस स्थिति के चलते उत्पादन पचास फीसदी कम होने का अनुमान है। फसलों के इस नुकसान से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं।
गन्ना की फसल से मुंह मोड़ते हुए किसानों ने इस बार गेहूं, तिल्ली और दलहनी फसलों को ज्यादा महत्व देकर खेतों में बुआई की थी। आखिरी दौर में तिलहनी फसलों की पकी फसल की फली ओलों की बौछार से फट गई। गेहूं, चना, मसूर, मटर की फसलें जमीन पर बिछ गई। आलू की फसल पर भी बीमारी का खतरा मंडरा रहा है।
-पांच से सात फीसद हुआ नुकसान, कटने को थी गेहूं की फसल
-सरसों को भी चार से छह फीसद तक नुकसान, इतना ही उत्पादन होगा प्रभावित
-सोमवार को दर्ज की गई 11.6 एमएम बारिश
साभार दैनिक जागरण