कृषि उत्पादन में कमी बढ़ा सकती है सरकार की चिंता
पिछले वर्ष की तुलना में खाद्य सब्सिडी बिल में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि वित्त मंत्री के लिए चिंता का विषय है। इसलिए सरकार को कृषि उपज और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना होगा।
कृषि क्षेत्र में लचीलापन लाने के साथ उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने, कोल्ड स्टोरेज, सिंचाई और अनुसंधान पर जोर देने की वकालत की गई है। हालांकि, कृषि क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने पहल भी शुरू कर दी है।
राज्य के भीतर कृषि उत्पाद की ढुलाई पर सभी प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। जिंसों के लिए राष्ट्रीय साझा कृषि बाजार की जरूरत पर जोर दिया गया है। समीक्षा में राष्ट्रीय बाजार की स्थापना, किसानों के बाजार और एपीएमसी अधिनियम में सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों से हाथ मिलाकर सुधार पर जोर दिया गया है।
संचार क्रांति से कृषि क्षेत्र को जोड़ते हुए ई-मंच बनाने के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस पैसे से कृषि विपणन के लिए ई-चौपाल सरीखे ई-मंच शुरू किए जाएंगे, जिसके जरिये किसान अपनी उपज को वाजिब दाम पर उचित जगह बेच सकेंगे। सरकार ने दिल्ली में एक किसान मंडी के विकास की पहल की है। ई-मंच के जरिये इसे देशभर के किसानों के बीच ले जाने की तैयारी है।