बदलते मौसम से किसान चिंतित
ग्रीष्मकाल में तेजी से बदल रहे मौसम के मिजाज से किसान परेशान हैं। खराब मौसम को देखते हुए किसान जहां तेजी से रबी धान फसल समेटने में व्यस्त हैं। वहीं एक फसल लेने वाले किसान पिछले दिनों हुई बारिश से खेतों की सफाई कर अकरस जोताई कर रहे हैं। दोपहरी में जहां खुले में चलना कठिन होता है वहां इन दिनों बादल छाए हुए हैं। शाम होते ही अंधड़ के साथ बारिश हो रही है। लिहाजा मौसम की तब्दीली से पानी से साधन संपन्न किसानों में चिंता है, वहीं बारिश पर निर्भर रहते हुए किसानी करने वाले लोगों में समय पूर्व खेत तैयार होने की खुशी है।
खलिहान में नहीं रख पा रहे धान
मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए किसान रबी धान की कटाई मजदूरों से नहीं कराकर हार्वेस्टर मशीन से कराने में लगे हैं। वहीं धान की कटाई के बाद किसानों को इसे खलिहान में रखते नहीं बन रहा है। सीधे तौर पर बोरे में रखकर या तो कोचियों को बेचा जा रहा है या फिर घर के भीतर सुरक्षित रखने का प्रबंध किया जा रहा है।
कीट प्रकोप बढ़े
भीषण गर्मी में जहां कीट पतंगें लुप्त हो जाते हैं, वहां मौसम में आई तब्दीली से कीट पतंगों के लिए अनुकूल स्थिति बन गई है। लिहाजा ठंड के समय दिखने वाले कीड़े, इस मौसम में भी दिख रहे हैं। माहू की तरह का ही कीट इन दिनों घरों में दिख रहा है। इसके अलावा कहीं-कहीं मेढ़क टर्राने की आवाज भी सुनाई दे रही है। प्राचीन मान्यता अनुसार मेढ़क टर्राने को वर्षा ऋ तु के आगमन के संकेत के रूप में देखा जाता है। हालांकि अभी ग्रीष्मकाल जारी है। शाम को आसमान में काली घटा छाने और तेज अंधड़ के साथ बारिश होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। शुक्रवार को पटेवा, झलप, तेंदूकोना क्षेत्र में कहीं हल्की और कहीं मध्यम बारिश होने की खबर है।