घास व कृषि अवशेषों से बनाया जाएगा प्लास्टिक
अमेरिका में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कार्बन डायऍाक्साइड और घास, पौधों व कृषि अवशेषों से पुनः प्रयोग किया जा सकने वाला (रिन्युएबल)प्लास्टिक बनाने की विधि खोजने में कामयाबी हासिल की है।
यूनिवर्सिटी के रसायन शास्त्र के प्रोफेसर मैथ्यू कानन ने कहा कि हमारा लक्ष्य पेट्रोलियम पदार्थों से बनने वाले प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ़ना है। जर्नल नेचर में प्रकाशित शोध में पोलिथिलीन फ्यूरांडिकार्बोक्सीलेट (पीईएफ) को पोलिथिलीन टेरीफ्थालेट (पीईटी) का बेहतर विकल्प बताया गया है।
पीईएफ पौधों, कृषि अवशेषों व कार्बन डायऑक्साइड बनने वाला प्लास्टिक होगा तथा पीईटी पेट्रोलियम पदार्थों से निर्मित होता है। विश्र्व में हर वर्ष पांच करोड़ टन पीईटी उत्पादों का उत्पादन होता है। ये मुख्यतः दो घटकों, टेरीफ्थालिक एसिड और एथिलीन ग्लिकोल से बनते हैं।
दोनों घटक रिफाइंड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से बनते हैं। पीईटी में बड़ी मात्रा में कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जो जो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाती है। पीईएफ एथिलीन और एक संयुक्त पदार्थ 2-5-फुरानडिकार्बोक्सीलिक एसिड (एफडीसीए) से बनती है। शोधकर्ताओं के अनुसार पीईएफ पीईटी का प्रभावशाली विकल्प है। एफडीसीए के लिए पेट्रोलियम की नहीं, जैविक स्रोत की जरूरत होती है।
साभार नई दुनिया जागरण