पानी में डूबने पर भी नहीं बर्बाद होगी धान की फसल

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि वैज्ञानिकों ने साझा प्रयास से धान की एक नई किस्म विकसित की है, जो 15 दिनों तक पानी में डूबे रहने पर भी बर्बाद नहीं होगा। स्वर्णा सब-1 नाम की यह वेराइटी उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो समुद्र तट, नदी व नाला के किनारे खेती करते हैं।

अमरूद की नई किस्‍में, एक बार लगाए 28 साल तक कमाए मुनाफा

कृषि वैज्ञानिकों ने अमरूद की कुछ नई किस्म तैयार की है, जो एक बार लगाने के बाद 28 साल तक फलते रहेंगे। इस खेती से किसानों के जीवन में भी आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता है।

अमरूद की खेती के तरीके भी आसान हैं, जिसे किसानों के अलावा आम आदमी भी शुरू कर सकता है और हर साल प्रति एकड़ दो से ढाई लाख रुपए का मुनाफा लिया जा सकता है। अहम बात यह है कि इसमें मजदूरों की जरूरत कम पड़ेगी।

फसलों के बीज नहीं अब गोली बोएंगे किसान खेती की नई तकनीक

 आमतौर पर घाटे का सौदा मानी जाने वाली खेती अब किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। खाद-बीज की बढ़ती महंगाई की वजह से खेती से विमुख हो रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है कि वे फसल के बीज गोली के रूप में बोएंगे और अच्छा उत्पादन लेंगे।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिक ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है, जिसमें धान, दलहन, तिलहन के बीजों पर कीटनाशक, उर्वरक का आवरण चढ़ाकर न सिर्फ उसकी उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी की जा रही है, बल्कि इससे श्रम व लागत में भी कमी आई है।

फसलों के उत्‍पादन में होगी बढ़ोतरी

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को 05 अपैल, 2015 तक निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।

1. 3 तथा 4 अपैल को दिल्ली राष्टीय राजधानी के अधिकतर क्षेत्रों में वर्षा होने की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए पूर्ण रूप से पके तोरिया या सरसों फसल की अतिशीघ्र कटाई करें। तथा कटी हुए फसल को ढक कर रखें । 75-80 प्रतिशत फली का रंग भूरा होना ही फसल पकने के लक्षण हैं। फलियों के अधिक पकने की स्थिति में दाने झड़ने की संभावना होती है। गहाई के बाद फसल अवशेषों को नष्ट कर दें, इससे कीट की संख्या को कम करने में मदद मिलती है।

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