मनगढ़ंत आंकड़ों से आर्गेनिक खेती को बढ़ाकर दिखाने की कोशिश

आर्गेनिक खेती

देश में आर्गेनिक खेती के आंकड़ों पर क्रॉप केयर फांउडेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) ने सवाल खड़े किए हैं। सीसीएफआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि भारत में आर्गेनिक खेती मनगढ़ंत आंकड़ों पर आधारित है। सरकार ने आंकड़ों के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की है ताकि सरकारी रिकॉर्ड में आर्गेनिक खेती को बनावटी तौर पर बढ़ाया जा सके। सीसीएफआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।

सीसीएफआई ने आंकड़ों में हेराफेरी का खुलासा ऐसे समय में किया है जब केरल सरकार 6-8 नवंबर को कोच्चि में आर्गेनिक खेती पर एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन कर रही है।

आम पर गुजिया कीट का खतरा

mango

 बीते दिनों हुई बारिश व तेज़ हवाओं के चलते गेहूं की फसल को तो नुकसान हुआ ही है साथ ही इसका असर बागबानी की फसल पर भी पड़ा है। बारिश की वजह से नमी के कारण मौसम गुजिया कीट के लिए अनुकूल हो गया है। इससे सबसे ज़्यादा असर आम की फसल पर पड़ेगा। बीते दिनों हुई छुट-पुट वर्षा ने आम के पेड़ों पर जमी मिट्टी को धुल दिया है ऐसे में अब पेड़ों की तना,पत्ती व बौरों पर गुजिया कीट का प्रकोप बढ़ सकता है।

मौजूदा हाल

फसलों के जहरीले तत्वों पर अब होगा नियंत्रण

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में अब जीन साइलेंसिंग तकनीक पर रिसर्च होगा। इस तकनीक के माध्यम से फसलों के हानिकारक टॉक्सिन्स (जहरीले तत्वों) को दूर किया जाएगा। इससे कुछ हानिकारक तत्वों की वजह से अनुपयोगी कही जाने वाली फसलें उपायोगी हो जाएंगी। अभी इस तकनीक का इस्तेमाल कुछ विकसित देशों में हो रहा है।

बिना सिंचाई के अब खेतों में लहलहाएगा धान

rice crop

बारिश के टूटते चक्र के बीच किसानों के लिए यह अच्छी खबर है. अब तक धान की खेती समय पर सिंचाई न होने के चलते सूख जाती थी या फिर यू कहें कि बिना पानी के धान की उपज ही नहीं होती थी लेकिन अब ऐसी दिक्कत नहीं होगी. अब उनकी धान की फसल बिना सिंचाई के ही लहलहाएगी. असिंचित क्षेत्रों के लिए यह फसल वरदान से कम नहीं होगी. अलीगढ़ में क्वार्सी स्थित उत्तर प्रदेश राजकीय कृषि शोध केंद्र ने धान की ऐसी ही दो प्रजातियां तैयार की हैं. इनका प्रयोग भी सफल रहा है.

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