मनगढ़ंत आंकड़ों से आर्गेनिक खेती को बढ़ाकर दिखाने की कोशिश
देश में आर्गेनिक खेती के आंकड़ों पर क्रॉप केयर फांउडेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) ने सवाल खड़े किए हैं। सीसीएफआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि भारत में आर्गेनिक खेती मनगढ़ंत आंकड़ों पर आधारित है। सरकार ने आंकड़ों के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की है ताकि सरकारी रिकॉर्ड में आर्गेनिक खेती को बनावटी तौर पर बढ़ाया जा सके। सीसीएफआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
सीसीएफआई ने आंकड़ों में हेराफेरी का खुलासा ऐसे समय में किया है जब केरल सरकार 6-8 नवंबर को कोच्चि में आर्गेनिक खेती पर एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन कर रही है।
सीसीएफआई द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी गई शिकायत के अनुसार नेशनल प्रोजेक्ट ऑन आर्गेनिक फार्मिंग (एनपीओएफ) ने सरकारी रिकॉर्ड में बनावटी रूप से आर्गेनिक खेती को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया है। मसलन, शहरी दिल्ली में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र के अंतर्गत आर्गेनिक खेती की जाती है (कुल भूमि का लगभग 70 फीसदी)। एनपीओएफ एक सरकारी निकाय है जो भारत में आर्गेनिक खेती के विकास और कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
सीसीएफआई के चेयरमैन रज्जू शर्राफ ने बताया कि हमें विश्वास है कि कुछ निजी हित हैं जो काल्पनिक आंकड़ों को प्रकाशित करके भारत में आर्गेनिक खेती को बढ़ाकर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें संदेह है कि आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया गया है, ताकि देश में आर्गेनिक खेती में वृद्धि को दिखाया जा सके। हमें डर है कि सरकारी धन का भी गलत प्रयोग किया गया है।
दुनिया में आर्गेनिक खेती की वृद्धि में गिरावट
सीसीएफआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व में आर्गेनिक खेती की वृद्धि में गिरावट आई है। वर्तमान में एक फीसदी से भी कम भूमि पर आर्गेनिक खेती की जाती है। आर्गेनिक खेती के अंतर्गत क्षेत्र पांच शीर्ष देशों चीन, भारत, यूएसए, इंडोनेशिया और ब्राजील में 0.16 से 0.64 फीसदी के बीच है, जो अधिकतम एग्रीकल्चर उत्पादन है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में आर्गेनिक खेती के अंतर्गत आने वाली भूमि वास्तव में वन भूमि है, जो एक ऐसा तथ्य है जिसे जनता की नजर से छिपाया गया है। भारत में आर्गेनिक उत्पादन वास्तव में 2010-11 में 38.8 लाख टन से घटकर 2013-14 में 12.4 लाख टन रह गया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत की कुल 14 करोड़ हेक्टेयर खेती योग्य भूमि में से केवल 5 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही आर्गेनिक खेती की जाती है।
साभार अमर उजाला