उन्नत कृषि और खुशहाली के लिए किसानों को बनना होगा एग्रोप्रेन्योर!

आजादी के बाद किसानों की एक बड़ी आस थी कि अब उनके दिन सुधर जाएंगें। जो कुछ किसानों के पास था अपना पुराने खेती के औजार, पुरानी खेती के तौर तरीके, पुराने देशी नस्ल के गाय- बैल, भैंस, बकरी, सादगी से भरपूर रहन-सहन और आपसी भाई-चारा। क्या उमंग, क्या जोश था।

गांवों की आबो-हवा, तालाब, हरे भरे पेड़-पौधों वाला सुनहरा मंजर मानों यूं बयां कर रहा हो कि – ‘‘चारों ओर ताल तलैया, घर बगिया की छांव हो, स्वर्ण सा सुन्दर लागे भइया आपन गांव-गिराव हो।’’ ये साबित करता है कि उन दिनों गांवों में एक अजीब ही रिश्ता और माहौल हुआ करता था।

किसानों को मिलेगी पेंशन : पीएम

prime minister

 केंद्र सरकार ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 5,000 रुपए की मासिक पेंशन देने का फैसला किया है। योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है।

23 मार्च को पंजाब के हुसैनीवाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा, ”हमने ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ (पीपीपी) मॉडल के ज़रिए किसानों को पेंशन देने का फैसला किया है। साठ साल से ज्यादा उम्र के किसान अगर इस योजना में शामिल होते हैं तो पांच हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन पा सकते हैं। यह पेंशन पात्र किसानों को चेक के ज़रिए दी जाएगी।”

कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘प्रयोगशाला से खेत तक’: नरेंद्र मोदी

कृषि उत्पादन

कृषि क्षेत्र को बढावा देने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी के प्रयोग को बढ़ाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘प्रयोगशाला से खेत तक’ का नारा दिया। मोदी ने कहा कि किसानों की आय तभी बढ़ेगी जब वे देश और दुनिया का पेट भर सकेंगे जबकि वे अपना उत्पादन बढ़ाने की स्थिति में होंगे।

पहले बारिश अब बाजार ने तोड़ी किसान की कमर

 पहले बारिश अब बाजार ने तोड़ी किसान की कमर!

पहले मौसम की मार और अब बाजार भाव की चोट से किसान की तो मानो कमर ही टूटने लगी है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आजकल मण्डियों में साफतौर पर देखा जा सकता है जहां एक सरसों के भाव के भाव किसान के लिए जले पर नमक का काम कर रहे हैं। किसानों की मानें तो एक तो पहले से ही बारिश के चलते सरसों की पैदावार न के बराबर हुई है और उस पर अब उसे बाजार में सरसों के भाव नहीं मिल पा रहे हैं जिसके चलते उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

 

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