किसान खेती को जहरीला नहीं बनाएं
भूमि' कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। देश की दो तिहाई से अधिक आबादी आज भी कृषि, पशुपालन और इससे सम्बंधित व्यवसायों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पूरी तरह भूमि पर निर्भर है, लेकिन हाल के वर्षों में सरकार भूमि अधिग्रहण से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि योग्य निजी और सार्वजनिक जमीन निरन्तर सिकुड़ती जा रही है।
किसान खेती को फायदे का धंधा बनाएं जरूर, लेकिन लोगों की जान की कीमत पर नहीं। किसानों को जैविक और परंपरागत खेती करने की सलाह भी दी। किसान खेती को जहरीला नहीं बनाएं। रसायनों का कम उपयोग करें।
किसानों अन्नदाता हैं और देश का पेट भरते हैं इसलिए लोगों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। अपनी बात को रखने के लिए जब भी धरना या प्रदर्शन करें तो राजनीतिक दलों के व्यवहार से अलग दिखें, ऐसा कुछ करें।
युवाओं को खेती से जोड़ने का प्रयास
कार्यक्रम में उन्होंने बार बार युवा किसानों को आमंत्रित किया ।उनका मानना है कि युवा आज किसानी छोड़कर नौकरी की ओर रुख कर रहा है। उन्हें नौकरी के बजाय खेती से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए ।
श्री अमर कान्त जी विचार
अमर जी युवा उन्नत शील किसान एवं kisanhelp प्रचारक हैं