पौधों में मोलिब्डेनम का महत्व

मोलिब्डेनम पौधों द्वारा लिया जाने वाले आठ आवश्यक सुक्ष्म रासायनिक तत्वों में से एक है। अन्य सात लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, क्लोरीन, निकल और बोरान हैं। इन तत्वों को सुक्ष्म तत्व कहा जाता हे, क्योंकि पौधों को इनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। प्रमुख  आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम हैं। लेकिन पोधो के सामान्य विकास के लिए इन सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की बहुत आवश्यकता होती हैं। इन आठ सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की तुलना में मोलिब्डेनम की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है।

किसानों के लिए बड़ी कर्ज माफी की योजना, 1 लाख करोड़ के लोन माफ का प्लान

किसानों के लिए बड़ी कर्ज माफी की योजना, 1 लाख करोड़ के लोन माफ का प्लान

केंद्र सरकार किसानों को एक और बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है. जानकार बताते हैं कि मोदी सरकार किसानों को बड़े पैमाने पर कर्ज माफी का तोहफा दे सकती है. जानकारी मिली है कि सरकार किसानों के लिए 1 लाख करोड़ रुपये तक के कर्ज माफी का ऐलान कर सकती है. यह कर्ज माफी कई चरणों में की जाएगी.

सरकार के सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार किसानों के लिए पहले चरण में 25,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी का ऐलान कर सकती है. किसानों के लिए यह बड़ी राहत होगी.

धान में पौधशाला प्रबन्धन

धान विश्व में सर्वाधिक क्षेत्रफल में उगायी जाने वाली फसल है तथा अधिकांश क्षेत्रफल में इसकी खेती रोपाई विधि से होती है। रोपाई विधि में पौधशाला में धान की पौध तैयार की जाती है जो एक निश्चित अवधि के पश्चात कंदैड़ किये हुये खेत में रोप दी जाती है। रोपाई विधि को आरम्भ में खरपतवार प्रबन्धन के उद्देश्य से अपनाया गया था परन्तु इसके अतिरिक्त रोपाई विधि में चुनकर स्वस्थ पौध की रोपाई तथा निर्धारित दूरी पर पौध का रोपण करने की भी सुविधा है जिससे पानी, पोषक तत्वों तथा सूर्य के प्रकाश की समान उपलब्धता होती है। अच्छे उत्पादन के लिये आवश्यक है कि पौधशाला का बेहतर ढंग से प्रबन्धन किया जाये। पौधशाला प्रबन

टिड्डी दल के सम्बंध में जारी चेतावनी एवं सलाह

टिड्डियों की गणना कृषि जगत के सर्वाधिक संहारक कीटों में होती है। ये सर्वाहारी होते हैं तथा छोटे, मध्यम या बड़े झुंडों में रहकर सभी प्रकार की हरी वनस्पतियों को खाकर नष्ट कर देते हैं। ये ओर्थोप्टेरा गण के कीट हैं जिनमें भारत में प्रचलित टिड्डियों के नाम प्रवासी टिड्डी, ट्री टिड्डी, बम्बई टिड्डी, मरुस्थली टिड्डी आदि हैं। इनमें मरुस्थली टिड्डी सर्वाधिक हानिकारक है। इस वर्ष ये टिड्डी दल ईरान से पाकिस्तान होते हुये गुजरात तथा राजस्थान के रास्ते भारत में प्रवेश करके क्षति पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में ये उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर आगरा की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके पश्चात इसके बरेली मण्डल की तरफ बढ्ने

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