किसान हेल्प परिवार ने गणतंत्र दिवस पर देशवासियो को बधाई दी

गणतंत्र दिवस

 kisanhelp केप्रमुख श्री आर.के.सिंह  ने कहा कि  हमारे  राष्ट्र के सड़सठवें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर, मैं भारत और विदेशों में बसे आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं,हमारी सशस्त्र सेनाओं, अर्ध-सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बल के सदस्यों को अपनी विशेष बधाई देता हूं। मैं उन वीर सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और विधि शासन को कायम रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। 26 जनवरी 1950 को हमारे गणतंत्र का जन्म हुआ। इस दिन हमने स्वयं को भारत का संविधान दिया। इस दिन उन नेताओं की असाधारण पीढ़ी का वीरतापूर्ण संघर्ष पराकाष्ठा पर पहुं

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक खेती करके एक किसान सालाना 50 हजार से 60 हजार ही कमा पाता है वही आधुनिक खेती करके 2-3 लाख  सालाना कमा सकते हैं 

दो  दिवसीय 
 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं प्रशिक्षण शुल्क में भी 50% की छूट होगी साथ ही अनेकों फायदे हैं
8-9 February 2020

Day 1
मोती पालन 
मशरूम की खेती 
Day 2 
कड़कनाथ मुर्गा पालन 
स्टीविया की खेती 

प्रशिक्षण शुल्क
4600/- 
( बमोरिया फार्म पर रहना और खाना  और रहना इंक्लूड होगा)

सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

जनवरी में सर्दी के मौसम में अचानक वारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दो दिनों से लगातार बारिश से जहां सरसों की फसल खत्म होने आशंका है तो वहीं आलू की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि गेहूं के लिए बारिश अच्छी साबित हो सकती है , लेकिन हालात देखते हुए यह गेहूँ को नुकसान कर सकती है।

दाम न बढ़ने से हुई गन्ने की मिठास खत्म, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आन्दोलन की राह पर

दाम न बढ़ने से हुई गन्ने की मिठास खत्म, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आन्दोलन की राह पर

गन्ना एक नकदी फसलों में गिना जाता है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की आन मान और सम्मान माना जाता रहा है। रोजगार और प्रतिष्ठा का भी विषय माना जाता है। इस क्षेत्र में 59 चीनी मिलें चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दो साल में कई बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू किया और रमाला समेत कई अन्य मिलों के क्षमता विस्तार में भी बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन किसान के मन में कड़वाहट बनी हुई है। गन्ना बेल्ट में किसानों के लिए चीनी उत्पादन का स्वाद कड़वा रहा है। पिछले साल किसानों ने दिल्ली तक प्रदर्शन कर सरकार को झकझोरा तो हाल में गन्ना जलाकर रोष जताया। किसान गन्ने की द

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