कटहल की खेती

कटहल कच्चा हो या पका हुआ, इसको दोनों प्रकार से उपयोगी माना जाता है, इसलिए बाजार में इसकी मांग ज्यादा होती है. इसकी बागवानी यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के कई राज्यों में होती है, तो आइए आज आपको कटहल की खेती की पूरी जानकारी देते हैं.

उपयुक्त जलवायु और मिट्टी

कटहल की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में हो जाती है, लेकिन फिर भी इसकी बागवानी के लिए गहरी दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है. इसकी खेती में अच्छा जल विकास होना चाहिए. इसके अलावा कटहल उष्ण कटिबन्धीय फल है, इसलिए इसको शुष्क और नम, दोनों प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता है.

जामुन को लगने वाले प्रमुख रोग और उनका उपचार

 जामुन 50 से 60 साल तक फल देने में सक्षम है. वैसे इसे भारत की अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में इसे अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है. कुछ लोग इसे राजमन बोलते हैं तो कुछ के लिए यह जमाली है. फिर भी आमतौर पर हिंदी में इसे जामुन ही कहा जाता है. भारत के लगभग हर राज्य में जामुन की खेती की जाती है जिसका एक कारण यह भी है कि पैदावार की दृष्टि से यह फ़ायदेमंद है.

चलिए आज हम आपको इस वृक्ष पर लगने वाले कीटों और जीवाणु जनित रोगों के बारे में बताते हैं. यह जानना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि लबालब फलों से भरा पेड़ भी कीटों के प्रभाव से नष्ट हो सकता है.

बरबटी की खेती

फल्लीदार सब्जियों में बरबटी का एक प्रमुख स्थान हैं, जो की भारत वर्ष में उगायी जाती हैं। इसे गर्मी और बरसात दानों मौसम में उगाया जाता हैं। इसका प्रयोग दाल और हरी फल्लियों की सब्जी के रूप में किया जाता हैं। यह प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं। तथा इसकी खेती से भूमि की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होती हैं।

बरबटी उत्पादन के लिए भूमि का चुनाव

अच्छे जल निकास वाली सभी प्रकार की भूमियों में इसकी खेती की जा सकती हैं परन्तु अधिक उपज प्राप्त करने के लिये दोमट मिट्टी सर्वोत्तम पाई गयी हैं।

बरबटी उत्पादन के लिए भूमि की तैयारी

कोल फसलों की उत्पादन तकनीक

 

कोल फसलों की उत्पादन तकनीक

जलवायुः

गोभीः गोभी को सर्दियों के दौरान उगाया जाता है और 15 सेल्सियस के इष्टतम औसत तापमान की आवश्यकता होती है, औसत 24 सेल्सियस और न्यूनतम 4 या 5 सेल्सियस होता है। ये फसले अति ठण्ड को सहन कर सकती है और तापमान को शून्य से 3 सेल्सियस तक कम भी हो तो सहन कर सकती है। देश के गर्म क्षेत्रों में कुछ उष्णकटिबंधीय प्रकार पूरे वर्ष उगाए जा सकते हैं।

फूलगोभी :

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