खेत

खेत (en:field) वह स्थान, जहाँ किसान फसलें उगाते हैं।

किसानों को जैव कीटनाशी दवा पर मिलेगा 50 फीसदी अनुदान

किसानों को जैव कीटनाशी दवा पर मिलेगा 50 फीसदी अनुदान

किसानों को जैव कीटनाशी दवा पर मिलेगा 50 फीसदी अनुदान

फसलों को कीटों से बचाने के लिए किसानों द्वारा धड़ल्ले से हो रहे रासायनिक कीटनाशी दवाओं के प्रयोग से खेतों व पैदावार पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इतना ही नहीं धीरे-धीरे इको सिस्टम पर भी इसका असर हो रहा है। कृषि विभाग ने रासायनिक दवाओं के उपयोग व फसलों के नुकसान को रोकने व जैव कीटनाशी दवाओं का प्रयोग बढ़ाने के लिए अहम कदम उठाया है।

संशोधित बटाईदार कानून से आसान हो जाएगी खेती

संशोधित बटाईदार कानून से आसान हो जाएगी खेती

कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में सरकार ने सक्रिय पहल की है। इसके लिए राज्यों से अपने भू राजस्व कानून में संशोधन का आग्रह किया गया है, ताकि किसानों के हित में चलाई गई योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मध्य प्रदेश के संशोधित विधेयक का मसौदा भेजा है। इससे खेती की मुश्किलें आसान हो जाएंगी।

अब गेहूं की पैदावार होगी 30 से 44 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

अब गेहूं की पैदावार होगी 30 से 44 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के इंदौर स्थित क्षेत्रीय केंद्र ने देश के अलग-अलग भूभागों के लिये गेहूं की दो नयी प्रजातियां विकसित की हैं.

आईएआरआई के क्षेत्रीय केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस केंद्र की विकसित नयी गेहूं प्रजाति ‘पूसा उजाला’ की पहचान ऐसे प्रायद्वीपीय क्षेत्रों के लिये की गयी है जहां सिंचाई की सीमित सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. इस प्रजाति से एक-दो सिंचाई में 30 से 44 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है.

फसलों को बीमारियों से बचायें

फसलों को बीमारियों से बचायें

वर्तमान समय में खेत की सतत निगरानी करते हुये फसल में रोगों से बचाव हेतु उपाय कर लें। बताया कि अरहर व धान का पत्ती लपेटक रोग से पीले रंग की सूड़ियाॅ पौधे की चोटी की पत्तियों को लपेटकर सफेद जाला बना लेती हैं और उसी में छिपी पत्तियों को खाती हैं और बाद में फूलों,फलों को नुकसान पहुॅचाती हैं। बचाव हेतु मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिषत 1 लीटर या क्यूनालफास 25 प्रतिशत ईसी 1.250 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या नीम का तेल गौमूत्र के साथ स्प्रे करें ।
धान का गन्धी बग- 

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