बायोगैस

बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जिसका बारंबार इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग घरेलू तथा कृषि कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। जैवगैस या बायोगैस (Biogas) वह गैस मिश्रण है जो आक्सीजन की अनुपस्थिति में जैविक सामग्री के विघटन से उत्पन्न होती है। यह सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की तरह ही नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। बायोगैस स्थानीय उपलब्ध कच्चे पदार्थों एवं कचरा से पैदा की जा सकती है। यह पर्यावरण-मित्र और CO2-न्यूट्रल है।
 इसका मुख्य घटक हाइड्रो-कार्बन है, जो ज्वलनशील है और जिसे जलाने पर ताप और ऊर्जा मिलती है। बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है, जिसके तहत कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को उपयोगी बायोगैस में बदला जाता है। चूंकि इस उपयोगी गैस का उत्पादन जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) द्वारा होता है, इसलिए इसे जैविक गैस (बायोगैस) कहते हैं। मिथेन गैस बायोगैस का मुख्य घटक है।
बायोगैस (मीथेन या गोबर गैस) मवेशियों के उत्सर्जन पदार्थों को कम ताप पर डाइजेस्टर में चलाकर माइक्रोब उत्पन्न करके प्राप्त की जाती है। जैव गैस में 75 प्रतिशत मेथेन गैस होती है जो बिना धुँआ उत्पन्न किए जलती है। लकड़ी, चारकोल तथा कोयले के विपरीत यह जलने के पश्चात राख जैसे कोई उपशिष्ट भी नहीं छोड़ती है। ग्रामीण इलाकों में भोजन पकाने तथा ईंधन के रूप में प्रकाश की व्यवस्था करने में इसका उपयोग हो रहा है।

राष्ट्रीय बायोगैस विकास कार्यक्रम (1981-82) के अंतर्गत पारिवारिक या घरेलू तथा सामुदायिक दो प्रकार के संयंत्रों की स्थापना की जाती है। इससे स्वच्छ व सस्ती ऊर्जा आपूर्ति तथा ग्रामीण पर्यावरण की सफाई के साथ ही उच्च कोटि की कार्बनिक खाद भी प्राप्ति होती है क्योंकि जैव गैस के लिए प्रयुक्त गोबर तथा जल के कर्दम में नाइट्रोजन व फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं। सावधानी केवल यह बरतनी चाहिए कि बायोगैस संयंत्र की 15 मीटर की परिधि में कोई पेयजल स्रोत न हो। 

रसोई गैस के साथ खाद भी तैयार करें किसान

देश के निर्माण में वैदिक कल से अब तक किसान की भूमिका सर्वोपरि रही है लेकिन खेती की बढती लागत और दैनिक खर्च ने किसानों को मजदूर बनने पर विवश कर दिया है यह बात तो हम सब जानते ही हैं कि हमारे देश में किसानों की जो दो मुख्य समस्याएं हैं, उनमें पहली है उर्वरक तथा दूसरी है ईंधन की कमी। सच तो यह है किसानों को गोबर और लकड़ी के अलावा अन्य दूसरा कोई पदार्थ सुगमता से उपलब्ध नहीं है।बायोगैस संयंत्र इन दोनों समस्याओं से निज़ात दिला सकता है जिससे घर में भोजन बनाने के लिए पर्याप्त ईंधन और खेत के लिए फायदे बाली खाद दोनों ही आसानी से मिल सकती हैं । बायोगैस संयंत्र से गैस तो मिलती ही है,घर में बिजली भी जलाई जा