kisan

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

सिंघाड़े की खेती में अधिक फायदा

सिंघाड़े की खेती

गर आपके घर के पास कोई तालाब हो तो ये सही समय है सिंघाड़े की बुवाई का। जून, जुलाई और अगस्त महीने तक किसान बुवाई कर सकते हैं। सितम्बर महीने से सिघाड़े के पौधों में सिघाड़े उगने शुरू हो जाते हैं और अक्टूबर से लेकर जनवरी तक पौधे से सिघाड़े निकलते रहते हैं।

हालात बद से बद्तर होने के जिम्मेदार हम किसान

हालात बद से बद्तर होने के जिम्मेदार हम किसान

यहाँ वहां आप लोग देखो अस्पताल मिलेंगे , इतने तादाद में अस्पताल खुले लेकिन सभी अच्छे से चल रहे हैं इसका कारण कोई और नही हम ही हैं इसके  दूरगामी खोज करें तो आप लोग भी पाएंगे कि यह हालात तो बद से बद्तर होते जा रहे है उन सब का जिम्मेदार हम किसान भी हैं सरकारों को निशाना बनाने से अच्छा है कि हम लोग ही सुधर जाएँ 

कृषि को आधुनिक बनाने के लिए यंत्रों और उपकरणों का प्रयोग जरूरी: राधा मोहन सिंह

कृषि को आधुनिक बनाने के लिए यंत्रों और उपकरणों का प्रयोग जरूरी

कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि को आधुनिक बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण और उपकरणों का समावेश जरूरी है क्योंकि इससे उत्पादकता बढ़ती है और कृषि एक आकर्षक उद्यम बनता है। उन्होंने ये बात आज यहाँ विज्ञान भवन में ‘कृषि यंत्रीकरण में नवाचार - किसान, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के बीच संबंध का विकास’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में कही। 

 

किसानों की समस्याओं का अब ऑनलाइन होगा निपटारा

किसानों की समस्याओं का अब ऑनलाइन होगा निपटारा

फसल में रोग लग गया हो या फिर कीट चट कर रहे हों, किसान परेशान न हों। अपनी फसल की स्थिति के बारे में ऑनलाइन समस्या दर्ज कराएं। घर पर स्मार्ट फोन हो तो फसल की फोटो भी पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

शिकायत दर्ज कराने के 48 घंटे के अंदर विशेषज्ञ अधिकारी आपके खेत पर होंगे और किसान को बताएंगे कि कौन सी दवाएं कितनी मात्रा में डाली जाए। यदि किसान के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो वह साधारण फोन से एसएमएस कर अपने फसल के रोग और निदान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

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