गाय माता की कृपा मौत के बाद भी उपजाऊ बना रहीं खेतों को
Submitted by Aksh on 22 May, 2015 - 22:39मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के करीब 40 गांवों में जैविक खाद बनाने के लिए नायाब प्रयोग किया जा रहा है। मौत के बाद गोवंश को समाधि दे दी जाती है और करीब छह महीने बाद उससे जैविक खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस खाद के प्रयोग से उत्पादन भी लगभग दोगुना बढ़ गया है।
गोवंश (गाय-बैल) जीते जी तो किसानों के काम आते ही हैं, मौत के बाद भी खेतों को उपजाऊ बना रहे हैं। मुख्यालय के पास गायत्री वृक्षतीर्थ मेहरजा में गौशाला के पास ही गौ समाधि स्थल बनाया गया है। यहां दो वर्षों में 50 से अधिक मवेशियों को समाधि दी गई। इनमें से 10 से खाद निकाली जा चुकी है।