सब्जियां

मेथी की उन्नत उत्पादन तकनीक

मेथी की खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है, इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जाता है इसके साथ ही बीजो का प्रयोग किया जाता हैI इसकी खेती मुख्यरूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में की जाती हैI   मेथी के सूखे दानो का उपयोग मसाले के रूप मे, सब्जियो के छौकने व बघारने, अचारो मे एवं दवाइयो के निर्माण मे किया जाता है। इसकी भाजी अत्यंत गुणकारी है जिसकी तुलना काड लीवर आयल से की जाती है।
इसके बीज में डायोस्जेनिंग नामक स्टेरायड के कारण फार्मास्यूटिकल उधोग में इसकी मांग रहती है। इसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है।

जलवायु 

मटर की उन्नत खेती

मटर की उन्नत खेती 

शीतकालीन सब्जियो मे मटर का स्थान प्रमुख है। इसकी खेती हरी फल्ली (सब्जी), साबुत मटर, एवं दाल के लिये किया जाता है।  मटर की खेती सब्जी और दाल के लिये उगाई जाती है। मटर दाल की आवश्यकता की पूर्ति के लिये पीले मटर का उत्पादन करना अति महत्वपूर्ण है, जिसका प्रयोग दाल, बेसन एवं छोले के रूप में अधिक किया जाता है ।आजकल मटर की डिब्बा बंदी भी काफी लोकप्रिय है। इसमे प्रचुर मात्रा मे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, रेशा, पोटेशियम एवं विटामिन्स पाया जाता है। देश भर मे इसकी खेती व्यावसायिक रूप से की जाती है।

जलवायु 

फूलगोभी की उन्नत खेती

यह भारत की प्रमुख सब्जी है फूलगोभी की खेती पूरे वर्ष में की जाती है। इससे किसान अत्याधिक लाभ उठा सकते है। इसको सब्जी, सूप और आचार के रूप में प्रयोग करते है। इसमे विटामिन बी पर्याप्त मात्रा के साथ-साथ प्रोटीन भी अन्य सब्जियों के तुलना में अधिक पायी जाती है
 
जलवायु 

पालक की उन्नत खेती

जलवायु 
पत्ती वाली सब्जियों पलक महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है । पालक की सफलतापूर्वक खेती के लिए ठण्डी जलवायु की आवश्यकता होती है। ठण्ड में पालक की पत्तियों का बढ़वार अधिक होता है जबकि तापमान अधिक होने पर इसकी बढ़वार रूक जाती है, इसलिए पालक की खेती मुख्यत: शीतकाल में करना अधिक लाभकर होता है। परन्तु पालक की खेती मध्यम जलवायु में वर्षभर की जा सकती है।
भूमि एवं तयारी 

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