सब्जियां

प्याज की उन्नत खेती

कन्द वर्गीय सब्जीयों में व्यापारिक दृषिटकोण से प्याज का बहुत अधिक महत्व है। भारतीय आहार में प्याज का बहुत अधिक उपयोग होता है। वर्तमान फास्ट-फूड के जमाने में इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। सब्जीयाें के गाढ़ेपन व स्वाद बढ़ाने के अतिरि ä प्याज से कुछ औषघीय तत्व भी शरीर को मिलते हैं, जिसके कारण हृदय रोग, खेन में थôा बनना व कोलेस्ट्राल आदि विकारों पर नियंत्रण रखने मेंं मदद होती है। इसी प्रकार मसाले, केचप, साँस आदि पदार्थाों में भी प्याज का उपयोग किया जाता है। निर्जलिकृत प्याज की चकितयाँ व पावडर की माँग विदेशें में अधिक है। सफेद प्याज को निर्जलिकृत पर चकितयाँ व पावडर बनाने के कारखाने महाराष्ट्र व

टमाटर में लगने वाले कीट एवं रोग और उनका प्रबंधन

प्रमुख कीट

टमाटर में रोपाई से लेकर फसल की कटाई तक बड़ी संख्या में कीटों और रोगों द्वारा किया जाता है । कीड़े जैसे फल छेदक, माहू, सफेद मक्खी, पत्ती खनिक, बदबूदार कीड़े और मकड़ी के कण उपज को कम करते हैं अपितु ये टमाटर पत्ती कर्ल वायरस जैसे संयंत्र रोगों को फैलने में  मदद करते हैं ।

टमाटर फल छेदक

वयस्क: स्टाउटमध्यम आकार, अग्रपंख के केंद्र के मध्य में गहरे धब्बे होते हैं । पिछले पंख पीले रंग के, साथ में ही काले भूरे रंग की सीमा एवं पीले रंग का मार्जिन पाया जाता है ।

सब्जी बगीचा निर्माण के आर्थिक लाभ

साग-सब्जियों का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है विशेषकर शाकाहारियों के जीवन में। शाक-सब्जी भोजन के ऐसे स्रोत है जो हमारे पोषक मूल्य को ही नहीं बढ़ाते बल्कि उसके स्वाद को भी बढ़ाते हैं। पोषाहार विशेषज्ञों के अनुसार संतुलित भोजन के लिए एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल और 300 ग्राम साग-सब्जियों की सेवन करनी चाहिए। परन्तु हमारे देश में साग-सब्जियों का वर्त्तमान उत्पादन स्तर प्रतिदिन, प्रतिव्यक्ति की खपत के हिसाब से मात्र 120 ग्राम है।

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