अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित, किसान परेशान, इस माह अच्छी बारिश होने का अनुमान

अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित

मानसून पूरे देश पर छा गया है, लेकिन कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। देश का कुछ हिस्सा अभी भी सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहा है। इसके चलते खरीफ सीजन की फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है, जिससे खेती की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले पीछे चल रही है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने अगस्त माह में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में लगातार भारी बारिश के चलते दोनों राज्यों में ज्यादातर जगहों पर बाढ़ आ गई है। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से निचले हिस्से पानी में डूब गये हैं। शहरी क्षेत्रों में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
पूर्वी राज्यों में असम और बिहार के ज्यादातर जिले बाढ़ की चपेट में है, जहां खेती पर विपरीत असर पड़ा है। जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। देश के उत्तरी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरु हो गया है, जिससे आसमान पर घने बादल छाये हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन चार दिन सुहाने होंगे।

मानसून की अनियमित बारिश के चलते देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है तो कुछ जगहों पर सूखे जैसी विकट हालात भी हैं। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की रोपाई पर विपरीत असर पड़ा है।

सीजन की सभी फसलों का कुल बोवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले 55.67 लाख हेक्टेयर पीछे है, जबकि धान की रोपाई 32 लाख हेक्टेयर कम हो सकी है। हालांकि कृषि मंत्रालय का कहना है कि आने वाले दिनों में धान का रोपाई का रकबा में सुधार होगा।

अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित, किसान परेशान, इस माह अच्छी बारिश होने का अनुमान
मानसून पूरे देश पर छा गया है, लेकिन कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। देश का कुछ हिस्सा अभी भी सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहा है। इसके चलते खरीफ सीजन की फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है, जिससे खेती की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले पीछे चल रही है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने अगस्त माह में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में लगातार भारी बारिश के चलते दोनों राज्यों में ज्यादातर जगहों पर बाढ़ आ गई है। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से निचले हिस्से पानी में डूब गये हैं। शहरी क्षेत्रों में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

पूर्वी राज्यों में असम और बिहार के ज्यादातर जिले बाढ़ की चपेट में है, जहां खेती पर विपरीत असर पड़ा है। जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। देश के उत्तरी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरु हो गया है, जिससे आसमान पर घने बादल छाये हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन चार दिन सुहाने होंगे।

मानसून की अनियमित बारिश के चलते देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति है तो कुछ जगहों पर सूखे जैसी विकट हालात भी हैं। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की रोपाई पर विपरीत असर पड़ा है।

सीजन की सभी फसलों का कुल बोवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले 55.67 लाख हेक्टेयर पीछे है, जबकि धान की रोपाई 32 लाख हेक्टेयर कम हो सकी है। हालांकि कृषि मंत्रालय का कहना है कि आने वाले दिनों में धान का रोपाई का रकबा में सुधार होगा।

मौसम विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कुछ 36 संभाग में से 11 उप संभाग में अति बारिश हुई है। जबकि छह उप संभाग में भारी बरसात हुई। नौ उप संभाग ऐसे थे, जहां बारिश सामान्य रही। हालांकि आठ उप संभाग में सूखे जैसी हालत रही और दो सूखा प्रभावित संभाग रहे। एक जून से लेकर 31 जुलाई के बीच हुई बारिश सामान्य से नौ फीसद कम आंकी गई है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त माह में देशभर में अच्छी बारिश होगी, जिसका असर खरीफ सीजन की फसलों पर पड़ेगा।

कृषि मंत्रालय का कहना है कि खरीफ सीजन में मानसून के देर से बरसने का खाद्यान्न उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। धान उत्पादक राज्यों में सिंचाई की पर्याप्त बंदोबस्त है, जबकि बाकी राज्यों में भी अगस्त व सितंबर में अच्छी बारिश को देखते हुए अच्छी पैदावार का अनुमान है।