सब्जियां

जिमीकंद की जैविक उन्नत खेती

जिमीकंद एक बहुवर्षीय भूमिगत सब्जी है जिसका वर्णन भारतीय धर्मग्रंथों में भी पाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में जिमीकंद के भिन्न-भिन्न नाम ओल या सूरन हैं। पहले इसे गृहवाटिका में या घरों के अगल-बगल की जमीन में ही उगाया जाता था। परन्तु अब तो जिमीकंद की व्यवसायिक खेती होने लगी है। जिमीकंद एक सब्जी ही नहीं वरन यह एक बहुमूल्य जड़ीबूटी है जो सभी को स्वस्थ एवं निरोग रखने में मदद करता है।

करेले एक लाभकारी उत्पादन

सब्जी फसलों में बेल वाली सब्जियों का सबसे बड़ा परिवार है। बेल वाली सब्जियों में करेले का महत्वपूर्ण स्थान है। करेला केवल सब्जी मात्र के लिए नहीं बल्कि आजकल इसका औषधियों में  भी काफी प्रयोग है। इसलिए इसका संकर बीज उत्पादन करना और भी लाभदायक हो गया है।

मध्यम एवं बड़े वर्ग के किसान खासकर युवा एवं महिला किसान सब्जियों का बीज उत्पादन/संकर बीज उत्पादन एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर उद्यमी बन सकते हैं और कृषि आय में वृद्वि कर सकते है जिससे संकर बीजों की स्थानीय उपल्बधित्ता में सुधार, कम मूल्य पर किसानों को संकर बीजों की उपलब्धि है सकती है।  

बेलवाली सब्जियों की अगेती खेती

बेलवाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, तरबूज,खरबूजा, पेठा, खीरा, टिण्डा, करेला आदि की खेती मैदानी भागो में गर्मी के मौसम में मार्च से लेकर जून तक की जाती है. इन सब्जियों की अगेती खेती जो अधिक आमदनी देती है, करने के लिए पॉली हाउस तकनीक में जाड़े के मौसम में इन सब्जियों की नसर्री तैयार करके की जा सकती है. पहले इन सब्जियों की पौध तैयार की जाती है तथा फिर मुख्य खेत में जड़ो को बिना क्षति पहुँचाये रोपण किया जाता है. इन सब्जियों की पौध तैयार करने से अनेक लाभ हैं जो इस प्रकार हैं.

एक से डेढ़ माह अगेती फसल ली जा सकती है.

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