सब्जियां

बैंगन में होनेवाले रोग : लक्षण और निदान

जन्म स्थान -बैंगन का जन्म स्थान भारत एवं चीन के उष्ण कटिबन्धी प्रदेष ही माने जाते हैं। बैंगन की खेती लगभग पूरे वर्ष भर की जाती हैं। 

जलवायु तथा भूमि - बैंगन की अच्छी पैदावार हेतु गर्म जलवायु की आवष्यकता होती हैं। तथा जल जल निकास युक्त दौमट मिट्टी इसके उत्पादन हेतु सर्वोत्ताम मानी गयी हैं। 

हाईब्रिड बैंगन की खेती

बैंगन एक पौष्टिक सब्जी है। इसमें विटामिन ए एवं बी के अलावा कैल्शियम, फ़ॉस्फ़रस तथा लोहे जैसे खनीज भी होते है। यदि इसकी उपयुक्त उत्तम क़िस्में तथा संकर किंस्में बोई जाए और उन्नत वैज्ञानिक सस्य क्रियाएं अपनाई जाएं तो इसकी फ़सल से काफ़ी अधिक उपज मिल सकती है। 

बैंगन की क़िस्में 

पूसा हाईब्रिड -5 

सब्जी उत्पादन के नये आयाम

भारत एक प्रमुख सब्जी उत्पादक देश है. हमारे देश की जलवायु में काफी विभिन्नता होने के कारण देश के विभिन्न भागों में 60 से अधिक प्रकार की सब्जियां उगायी जाती है. वर्तमान में हमारे देश में लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती की जाती है. जिसका सकल उत्पादन लगभग 8.4 करोड़ टन है. इस प्रकार भारत, चीन के बाद विश्व का सर्वाधिक सब्जी उत्पादक देश है. 

सब्जियों की पौध तैयार करने की प्‍लास्टिक प्‍लग ट्रे प्रौघोगिकी

इस तकनीक द्वारा सब्जियों की पौध को तैयार करने के लिए प्‍लास्टिक की खानेदार ट्रे (Multi celled plastic tray) का प्रयोग करते हैं ट्रे के खाने शंकू आकार के होने चाहिए क्‍योकि ऐसे खानो में पौधे की जडों का समुचित विकास होता है। टमाटर, बैंगन व समस्‍त बेल वाली सब्जियों के लिए 18-20 घन से.मी. आकार के खानो वाली ट्रे का प्रयोग होता है जबकि शिमला मिर्च, मिर्च, फूलगोभी वर्ग की सभी फसले व सलाद, सेलेरी, पारसले आदि सब्जियों को 8-10 घन से.मी. आकार के खानो वाली ट्रे उपयुक्‍त रहती है।

Pages