कृषि नीति

अनाज क्या शोरूम में मिलेगा!

अनाज क्या शोरूम में मिलेगा!

खाद्य सुरक्षा की व्यवस्था में जितना उत्पादन का तंत्र महत्वपूर्ण है;  उतना ही महत्वपूर्ण है बाजार का तंत्र। भारत में 2.9 करोड़ लोग भोजन और भोजन से सम्बन्धित सामग्री का व्यापार करते हैं। वे केवल लाभ के लिये व्यापार नहीं करते हैं बल्कि खाद्य सुरक्षा की परिभाषा के महत्वपूर्ण हिस्से ‘‘पहुंच’’ को सुनिश्चित करने में उनकी केन्द्रीय भूमिका रही है। अब इस ‘‘बाजार’’ पर प्रमुख भोजन व्यापार कम्पनियां अपना मिला-जुला एकाधिकार चाहती है। वालमार्ट, रिलायंस, भारती, ग्लेक्सो स्मिथ कंज्यूमर हेल्थ केयर, नेस्ले, केविनकरे, फील्ड फ्रेश फूड, डेलमोंटे, बुहलर इंडिया, पेप्सीको, और कोका कोला शामिल है। बाजार विष्लेषण करने

हरित क्रान्ति के जख्म

हरित क्रान्ति के जख्म

पंजाब का खेती प्रधान इलाका मालवा इन दिनों खेती से जुड़े जिन घपले-घोटालों और कपास उगाने वाले 15 किसानों की आत्महत्यायों की वजह से चर्चा में है, उसमें ऊपरी तौर पर दो चीजें दिख रही हैं। एक, जिस बीटी कपास (जीन संवर्धित कॉटन) को सुखे और कीटों के हमलों से सुरक्षित बताया जा रहा था- वह दावा सफेद मक्खी (वाइट फ्लाई) के हमले के साथ खोखला साबित हो गया। इस मक्खी ने चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के बीटी कपास की खेती चौपट कर दी, जिससे प्रभावित किसानों को मौत आसान लगने लगी। दूसरी बात नकली कीटनाशकों से जुड़े घपले की है जिसमें पंजाब स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर और बाजार के बिचौलिए शामिल थे, जिनकी ‘कृपा’ से कि

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