अमेरिकन केसर, 65 हजार रुपए प्रति किलो

अमेरिकन केसर

 धार के पास कुक्षी के ग्राम बड़दा के किसान बाबूलाल ने एक बीघा जमीन पर अमेरीकन हाईब्रीड़ केसर के बीजों से केसर उगाई है। उन्होंने एक बीघा में 50 ग्राम बीज रोपे। इससे करीब 5 माह में 10 किलो केसर का उत्पादन हुआ। कश्मीर की केसर के नाम से ख्यात इस केसर को लैब टेस्टिंग के लिए मुंबई भेजा गया है। यदि टेस्टिंग में केसर का 45 प्रतिशत अर्क निकला तो 60 से 65 हजार रुपए प्रति किलो का भाव मिल सकता है।

किसान बाबूलाल ने 1999 में धवली मुसली को प्रथम बार अपने खेत में उगाया था, तब से उनका नाम धवली मुसली रख दिया गया। अब सिर्फ कश्मीर जैसे ठंडे इलाके में पैदा होने वाली अमेरिकन केसर उगा दी है। उन्होंने बताया गुजरात के गांधी नगर स्थित महात्मा गांधी संस्थान से प्रेरणा मिली। वहीं से बीज भी नि:शुल्क दिया गया। 2500 पौधे तैयार कर अपने खेत में नवंबर में लगाए थे, पांच महीने में उपज आ गई है। किसान बाबूलाल ने केसर को लैब टेस्ट के लिए मुंबई भेजा है। अब तक बाबूलाल को भी नहीं पता है कि यह बिकेगी कहां। उन्होंने बताया गुजरात में संस्थान से ही संपर्क किया था, जहां से श्रीनगर के एक विशेषज्ञ का नंबर मिला। वे 28 अप्रैल को बड़दा आकर फसल देखेंगे। तब तक मुंबई से लैब टेस्टिंग की रिपोर्ट भी आ जाएगी। उन्होंने ही बताया है कि 45 प्रतिशत से अधिक केसर का अंश आया तो बाजार मूल्य 60 से 75 हजार रुपए तक मिल सकता है। कैसे बेची जा सकती है, वह भी वे विशेषज्ञ ही आकर बताएंगे।

 

सीधी और सरल केसर की खेती : किसान बाबूलाल ने बताया अन्य फसलों की तुलना में केसर की खेती करना आसान और सरल है। इसमें ड्रिप पद्धति से फसल को लिया जा सकता है। पौधों में किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं लगती। जैविक फसल का पौधा 4 से 5 फीट लंबाई वाला होता है, जिस पर दो सौ से ढाई सौ तक फूल लगते हैं। इस फूल में ही केसर लगती है।