पान पर कीटों के प्रकोप से फसल तबाह

पान पर कीटों के प्रकोप से फसल तबाह

पान के पत्ते हो रहे दागदार, सड़कर गिर रही बेलेंपान की पूरी फसल कीटों के प्रकोप से बर्बाद हो गई है। कभी प्रकृति प्रकोप तो कभी कीटों के कहर से पान किसान बुरी तरह टूट गए हैं। पान किसानों की माली हालत खराब हो गई है। अनुमान के तौर पान किसानों को करीब एक करोड से अधिक का नुकसान हुआ है। पान किसानों ने बताया कि पान की खेती उनकी आजीविका का एक मात्र साधन है पूरी खेती खराब हो जाने से वे रोजी रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे। पान किसानों की परेशानी व दर्द से जनप्रतिनिधि व अधिकारी पूरी तरह से उदासीन बने हैं। बहरहाल कुल जमा पूंजी लगाकर अपनी मेहनत के पसीने से पान के बरेजे लगाने वाले किसान पान की चौपट हो रही फसल को देखकर सहमे हुए हैं।

बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में पान की खेती पर कभी मौसम की मार तो कभी कीटों के प्रकोप से पान किसान हर बार बर्बादी को झेल रहे हैं। पिछली बार पान पर पाला पड़ने से फसल तबाह हो गई थी और इस बार पान पर कीटों के प्रकोप से पान के पत्तों पर काले- लाल धब्बे पड़ रहे हैं, सड़कर पान की बेलें गिर रही हैं। पान किसानों को करोड़ों का नुकसान होने से वे एक बार फिर कंगाल होने की कगार पर पहुंच गए हैं।

खाड़ी व अरब देशों में लबों की लाली के नाम से मशहूर बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के पान पर कभी पाला कभी बीमारी की मार से महानगरों से लेकर खाड़ी व अरब देशों को निर्यात किए जाने वाले पान पर आए संकट ने लबों की लाली को छीन लिया है। ये सब जानते हैं कि बुंदेलखंड का यह अंचल पान की खेती के लिए पूरे देश में विख्यात है। छतरपुर जिले के महाराजपुर, गढ़ीमलहरा, पिपट, पनागर सहित करीब दर्जनों गांवों में हजारों चौरसिया परिवार पूरी तरह से पान की खेती पर ही निर्भर हैं। खास औषधीय गुण वाले यहां के पान को देश के महानगरों में दिल्ली सहारनपुर, मेरठ व पीलीभीत के थोक व्यापारी खरीदकर श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में इसका निर्यात करके मोटा मुनाफा कमाते हैंं लेकिन इन दिनों करीब सैकडों हेक्टेयर में फैले पान के बरेजों पर कीटों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि पान के पत्तों पर काले, लाल धब्बे पड़ रहे हैं और पान की बेलें सड़कर गिर रही हैं। रही सही कसर पानी की कमी ने पूरी कर दी है, पानी न मिलने से पान की बेलें सूखने लगी हैं। अनुमान है कि कीटों की चपेट में आई पान की फसल के कारण विदेशी आपूर्ति के लिए भेजे जाने वाले पान की बिक्री गिरकर 5 फीसदी रह जाएगी।