कम वर्षा की संभावना देख मक्का की खेती पर जोर

कम वर्षा की संभावना देख मक्का की खेती पर जोर

वैज्ञानिकों द्वारा इस वर्ष पिछली बार की तुलना में बीस फीसद कम बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है जिसको देखते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि ऊंची जमीन पर धान की फसल से तौबा कर मक्का व अन्य फसलों को बोये जाने पर जोर दिया है।

पिछले वर्ष धान उत्पादक किसानों के सामने बारिश न होने के कारण संकट पैदा हो गया था। जबकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार पिछली बार से कम बारिश होने की पूरी संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा के अनुसार सत्र 2015 में सामान्य से 720 एमएम से बीस फीसद वर्षा जनपद में कम होगी। इस परिस्थिति से निपटने के लिए विभाग ने किसान को राय दी है कि खरीफ फसल में धान की अपेक्षा मक्का, तिल, बाजरा की खेती को बढ़ावा दें। क्योंकि धान की फसल के लिए सामान्य से अधिक वर्षा होनी चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका सबसे अच्छा विकल्प मक्का की खेती है। मक्का को ज्यादा ¨सचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है। वहीं मक्का की फसल से 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर लाभ अर्जित कर सकते हैं। उपज से 60 ¨क्वटल एवं लागत तीस हजार रुपए हेक्टेयर आती है। वैज्ञानिक डा. संदीप कुमार ¨सह का कहना है कि मक्का के बीज बाजार में उपलब्ध हैं और जून के महीने में इसकी बुआई की जा सकती है।

साभार जागरण