किसान पर फिर आया संकट, रबी की फसल पर कीटों का हमला

किसान पर फिर आया संक , रवी की फसल पर कीटों का हमला

किसान अभी चौकन्ने न हुए तो कीट उनकी फसल को चंद दिनों में ही चौपट कर देंगे। पिछली रबी और खरीफ की फसलें चौपट होने से लुटे-पिटे किसानों के लिए मौसम ने नई मुसीबत पैदा कर दी है। गेंहूं की फसल पर दीमक और चने की फसल पर इल्ली ने हमला बोल दिया है। इसकी वजह बादल छाने और मौसम में नमी की अधिकता बताई जा रही है। 

इन दिनों खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के लिए तापमान की यह तेजी नुकसान का कारण बन सकती है। बढ़वार पर आई फसल के लिए अधिक तापमान नुकसान का कारण बन सकता है। जहां पहले बोवनी हो गई थी और फसल अधिक बड़ी हो गई है, उसके लिए और भी अधिक नुकसान होगा।

धान ,सोयाबीन  की बर्बादी से कर्ज में डूबे बीस हजार किसानों को अभी राहत राशि के नाम पर एक पैसा नहीं मिला है, कि रबी की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। गेहूं चना में एक तरफ कीट का प्रकोप देखा जा रहा है, वहीं बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण अनुकूल वातावरण नहीं मिलने को लेकर पौधों की ग्रोथ अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रही है। रबी की फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए किसानों को तेजी से कदम उठाने होंगे। किसानों कृषि मौसम विज्ञान केन्द्र के विज्ञानों से संपर्क करना चाहिए और फसल को वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर जरूरत के अनुरूप उपचार दें।  मौसम विशेषज्ञ  कि किसान फसल में दवा का छिड़काव कर उत्पादन को प्रभावित होने से बचा सकते हैं। 

झुलसा रोग की भी आशंका
तापमान में गिरावट और आसमान में बादल छाए रहने के कारण फसलों में कीट और रोग का प्रकोप बढऩे के आसार हैं। चना, मटर, मसूर में इल्ली और ब्लाइट (झुलसा) रोग की संभावना है, वहीं गेहंू में दीमक के प्रकोप से बचाने की जरूरत है। किसान फसल को कीट, रोग से बचाने के लिए क्लोरो पाइरीफास दवा 1.25 से 1.5 प्रति लीटर के हिसाब से एक हेक्टेयर में छिड़काव करें।

फसल पर कैसे और कहां है खतरा
कृषि विभाग ने रबी की बोवनी में चना का रकबा एक लाख 20 हजार हेक्टेयर रखा था, अभी तक एक लाख एक हजार 840 हेक्टेयर में चना की बोवनी हुई है। गेहूं की बोवनी का रकवा दो लाख 37 हजार रखा गया था। इसमें से करीब दो लाख 20 हजार हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। चना की फसल में शाखा फुटान पर है और गेहूं का पौधा भी घुटने-घुटने तक हो गया है। सीहोर बाइपास क्षेत्र में चना की फसल में इल्ली का प्रकोप दिखाई देने लगा है, वहीं आष्टा क्षेत्र की गेहूं की फसल में दीमक लगने की बात सामने आ रही है।