कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत बनाने में जुटी सरकार

कृषि विज्ञान केंद्रों की खामियों को दूर करने के लिए गठित श्रीवास्तव कमेटी की सिफारिशों पर केंद्र सरकार ने अमल शुरू कर दिया है। कृषि विज्ञान केंद्रों के कामकाज की निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने की तैयारी की जा रही है।

केवीके की निगरानी और मूल्यांकन का दायित्व अब तीसरे पक्ष को सौंपा जाएगा। केंद्रों की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा। देश के कुल 676 में से 596 जिलों में 642 कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। सरकार को इन कृषि विज्ञान केंद्रों से बड़ी उम्मीदें हैं।

कृषि विज्ञान केंद्रों को सुधारने की नीयत से सरकार ने जेएनएल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। उनकी कई अहम सिफारिशों पर अब अमल शुरू कर दिया गया है।

समिति की रिपोर्ट में उन गड़बड़ियों की ओर सरकार का ध्यान खींचा गया है, जिनमें कई केंद्रों के पास अपनी जमीन तक नहीं है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए ही केंद्र के लिए निर्धारित भूमि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के नाम लीज पर रखना अनिवार्य किया गया है।

केंद्र में होने वाली नियुक्तियों में आइसीएआर के प्रतिनिधि को रखना वैधानिक बना दिया गया है। केंद्र सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों में स्टाफ की संख्या बढ़ाने और क्षेत्रीय परियोजना निदेशालयों की संख्या आठ से बढ़ाकर 11 करने का फैसला किया है।

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