उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

जबसे पतवारों ने मेरी नाव को धोखा दिया, मैं भंवर में तैरने का हौसला रखने लगा’ की पंक्ति पढ़कर बजट भाषण शुरू करने वाले अखिलेश ने वित्त वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष एवं युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया है।  विधानसभा में पेश भारी-भरकम बजट में सौगातों की बारिश की.  वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तीन करोड़ 46 लाख 935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.6 प्रतिशत अधिक है.

तीन प्रतिशत पर कृषि ऋण

इसके अलावा सूखाग्रस्त 50 जिलों में फसलों को हुई क्षति से निपटने के लिए 2,057 करोड़ रपये की कार्ययोजना तैयार की गयी है. सूखाग्रस्त जिलों में अतिरिक्त चारा दाना विकास कार्यक्रम भी प्रस्तावित है. साथ ही एक बड़े कदम के तहत किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालिक फसली ऋण देने के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. सूखाग्रस्त 50 जिलों में फसलों को हुई क्षति से निपटने के लिये 2,057 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गयी है।

किसानों के लिए पुरस्कार

किसानों को अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बजट में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले किसानों को प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कारों की धनराशि क्रमश: 20 हजार, 15 हजार और 10 हजार से बढाकर एक लाख, 75 हजार और 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है.

बजट में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 787 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. बहराइच में किसान बाजार बनाने का प्रस्ताव किया गया है. साथ ही भूमि सेना योजना के लिए 83 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.

युवाओं को कृषि से जोड़ने के लिए बेरोजगार कृषि स्नातकों और खेती में प्रशिक्षित नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बी योजना के तहत एक हजार एग्री जंक्शन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.

सिंचाई के लिए 1574 करोड़ का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने बजट में सिंचाई की नयी योजनाओं के लिए 1,574 करोड़  रुपये की व्यवस्था की है. साथ ही प्रदेश के लगभग 78 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र में निजी लघु सिंचाई साधनों को बढाने के लिए 549 करोड़ रुपये, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 2,157 करोड़ रुपये तथा वाराणसी में गंगा नदी के घाटों के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.

बजट में 362 लाख टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा 300 कामधेनु, 1,500 मिनी कामधेनु और 2,500 माइक्रो कामधेनु इकाइयों की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है