फसली ऋण

किसानों को साहूकारों के मकड़जाल से मुक्त रखने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जाने वाला फसली ऋण होता  है। खेती किसानी आदि जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों को बैंकों से न्यूनतम ब्याज पर ऋण दिया जाता है। इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाया जाता है। किसानों को यह पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मोटा ब्याज वसूलने वाले सूदखोरों के समक्ष हाथ न फैलाना पड़े। किसान क्रेडिट कार्ड वितरण के लिए हर साल लक्ष्य आवंटित किया जाता है। साथ ही किसानों को फसली ऋण भी दिया जाता है।

कोरोना लॉकडाउन से किसान परेशान , आर्थिक पैकेज में किसानों के लिए कुछ नहीं

कोरोना लॉकडाउन से किसान परेशान , आर्थिक पैकेज में किसानों के लिए कुछ नहीं

रवी फसल पूरी तैयार व कटाई हो रही है, उधर उत्तर प्रदेश में गन्ना कटाई व बुबाई चल रही है ।देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रेल तक के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है | इसमें सभी प्रकार के ट्रांसपोटेशन के साथ–साथ देशवासियों को घर में रहने की अपील की गई है | इससे पूरी तरह से जनजीवन थम गया है | जबकि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश में रबी फसलों की कटाई जोरों पर है जो अब थम गई है | पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को खेती कार्य करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

योगी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों की कर्ज माफी का वादा पूरा

योगी सरकार का बड़ा फैसला, किसानों की कर्ज माफी का वादा पूरा

यूपी के किसानों के लिए बड़ी खबर है. योगी मंत्रिमंडल की पहली कैबिनेट में किसानों की कर्ज माफी कर दी गई है. चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि बीजेपी सरकार के कैबिनेट की पहली बैठक में कर्जा माफ कर दिया जाएगा. योगी सरकार ने यह वादा पूरा कर दिया है. वादा लघु और सीमांत किसानों के बारे में ही था. स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यूपी में दो करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसान हैं. इन किसानों का 30,729 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया गया है. इन किसानों का एक लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ किया जाएगा. जिन लोगों ने एक लाख तक की फसली ऋण लिया है उनके खाते से इतनी राशि माफ कर दी जाएगी.

उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

जबसे पतवारों ने मेरी नाव को धोखा दिया, मैं भंवर में तैरने का हौसला रखने लगा’ की पंक्ति पढ़कर बजट भाषण शुरू करने वाले अखिलेश ने वित्त वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष एवं युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया है।  विधानसभा में पेश भारी-भरकम बजट में सौगातों की बारिश की.  वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तीन करोड़ 46 लाख 935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.6 प्रतिशत अधिक है.

तीन प्रतिशत पर कृषि ऋण