खेती-किसानी

खेती
कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाये रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है
खेती-बाड़ी का काम यहाँ पर प्राय: प्राचीन ढ़ंग से होता है। पहाड़ों की ढालों में काट-काटकर खेत बनाये गये हैं, जिनमें अनाज बोया जाता है। जहाँ कहीं हो सकता है, पर्वतीय नदियों से नाला काटकर नहर ले जाता हैं, जिन्हें 'गुल' कहते हैं। उनसे सिंचाई होती है। कहीं-कहीं पहाड़ की घाटियों में नदी के किनारे बड़ी उपजाऊ जमीने हैं। ये 'सेरे' कहे जाते हैं। जिस जमीन में पानी से सिंचाई नहीं हो सकती, वह 'उपजाऊ' कहलाती है। गाँव के हिस्से 'तोक, सार, टाना' आदि नामों से पुकारे जाते हैं। 

 

गन्ने की बकाया राशि भुगतान के लिए हरियाणा सरकार ने जारी किये 169 करोड़ रूपये

गन्ने की बकाया राशि भुगतान के लिए हरियाणा सरकार ने जारी किये 169 करोड़ रूपये

हरियाणा में किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने गन्ने के बकाया के भुगतान के लिए 169 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी है | यह राशि राज्य की दस चीनी मीलों को जारी की गई है और संबंधित अधिकारीयों को निर्देश दिये गये हैं कि राज्य के गन्ना फसल के किसानों के बकाया का भुगतान किया जाए ताकि वर्तमान में उत्पन्न हुई स्थिति में उन्हें सहयोग मिल सकें | किसान समाधान सरकार के तरफ से चीनी मीलों के किये गये 169 करोड़ रूपये भुगतान की पूरी जानकारी लेकर आया है

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

किसानों की दुगनी आय करने के लिए केन्द्र में भाजपा सरकार जल्दी ही व्याज रहित ऋण की घोषणा कर सकती है।किसानों को ऋण माफी के स्थान पर व्याज रहित ऋण देने की योजना सरकार बना रही है।
ब्याज मुक्त केसीसी पर तो अभी फैसला होना बाकी है। फिलहाल खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता ब्याज केसीसी से ही मिलता है । सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है । कोई भी साहूकार इतने कम रेट पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता।

सियासत की फसल, चुनौतियों की खेती

सियासत की फसल, चुनौतियों की खेती

खेती-किसानी को लेकर भले ही सियासत की फसल खूब लहलहा रही हो, लेकिन उत्तराखंड में खेती की हालत बेहद नाजुक हो चली है। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। 12 साल पहले राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान 16.04 फीसद था, जो घटकर अब 8.94 फीसद पर आ गया है। यही नहीं, राज्य गठन से अब तक के वक्फे में 72 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि बंजर में तब्दील हो गई। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़ों में यह संख्या एक लाख हेक्टेयर पार कर गई है। सूबे के पहाड़ी क्षेत्र में खेती आज भी सिंचाई की राह ताक रही है। ऐसे तमाम मामलों के बीच खेती की दशा को सुधारना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।

नोटबंदी पर किसानों को बड़ी राहत, निकाल सकेंगे ज्यादा रुपए

नोटबंदी पर किसानों को बड़ी राहत, निकाल सकेंगे ज्यादा रुपए

सरकार ने खेती-किसानी के क्षेत्र में नकदी की समस्या को देखते हुए गुरुवार को किसानों और छोटे व्यापारियों को बैंकों से नकदी निकालने में कुछ राहत दी है। किसान और छोटे व्यापारी अब बैंकों से सप्ताह में 50,000 रुपए तक की नकदी निकाल सकेंगे।  

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